Tantrik Sahitya Tantra Mantra by Gopinath Kaviraj Hindi PDF Book download || तांत्रिक साहित्य तंत्र मंत्र गोपीनाथ कविराज द्वारा हिन्दी पीडीएफ़ डाउनलोड
विद्वानों में बराबर यह विवाद चला आया है कि तान्त्रिक पद्धति बैदिक है अथवा अवैदिक। आगम में तो विशेष स्थान इसे प्राप्त है ही, पर कुछ लोगों का मत है कि पुराणों को जिस प्रकार वैदिक आधार उपलब्ध है उस तरह तन्त्र को प्राप्त नहीं है। बहुत से विशिष्ट विद्वान इस मत से सहमत नहीं हैं और उनका विचार है कि वैदिक साहित्य भी तान्त्रिक विचारों से अछूता नहीं है । वेदों के सिवाय बौद्ध और जैन विचारधारा में तान्त्रिक पद्धति का उदय हुआ स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है। हमारी सांस्कृतिक परम्परा का आधार विशेष रूप से पुराण हैं और पुराणों में तान्त्रिक विचारों का बहद् रूप में समावेश स्पष्ट दिखाई देता है। यह दुर्भाग्य की बात है कि आरम्भ से ही तन्त्र का साहित्य, तान्त्रिक विचारधारा, दर्शन, उसकी साधना, योगाचार, मन्त्रों की सिद्धि की पद्धति और पूजा का क्रम एक रहस्यमय ढंग से अवतरित हआ और गोपनीयता के आवरण में आरम्भ से ही ढंक गया। धीरे धीरे अज्ञान के वशीभूत यह व्यापक विचार फैला कि तान्त्रिक साधना का स्वरूप केवल जादू-टोना…………..
Equal dispute has been run in scholars that the Tantric method is Badik or Avadic. In the office, the special place is received, but some people do not receive the instrument that the Vedic basis is available in the way. Many specific scholars do not agree with this opinion and their idea is that Vedic literature is not too untouched by the Tantra’s ideas. In the Buddhist and Jain ideology except the Vedas, the trantric system is a clear visible. The basis of our cultural tradition is especially the Puranas and the inclusion of the thunderstorms in the Puranas is clearly visible.
Slowly spread the widespread idea of ignorance that the form of Tantrik Sadhana is only the magic…..
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