दुर-दुर नारद एहन बर लयलौं कोना || मैथिली शिव भजन लिरिक्स | Maithili Shiv Bhajan Lyrics
दुर-दुर नारद एहन बर लयलौं कोना पढ़ि पोथी ओ पतरा बिसरलौं कोना बसहा पीठ छथि असवार, कर त्रिशूल-मुन्डमाल पैर फाटल...
दुर-दुर नारद एहन बर लयलौं कोना पढ़ि पोथी ओ पतरा बिसरलौं कोना बसहा पीठ छथि असवार, कर त्रिशूल-मुन्डमाल पैर फाटल...
आजु सदाशिव शंकर हर के देखलौं गे माइ हर के देखलौं गे माई एहन स्वरूप शिवशंकर, शोभा वरनि न जाइ...
बाटमे दौड़ी-दौड़ी सभसँ पुछथि गौरी कि आहो रामा, हमरो सदाशिव के केओ देखल रे की देहमे भस्म लेपे, आठो अंग...
देखू सखि दाइ माइ, ठकलक बभना आइ पहिने सुनैत छलियनि जस तीन भुवन, आब सुनैत छियनि घर नहि आंगन भोला...
देखल ने एहन जमाइ गे माइ भन-भन भृंग भनकय, सखि हे सह-सह करनि साँप आगू-पाछू भूत भभूत लए कर, देखि...
गे माई हम नहि शिव सँ गौरी बिआहब, मोर गौरी रहती कुमारी गे माई भूत-प्रेत बरिआती अनलनि, मोर जिया गेल...
देखिते भोला के सुरतिया, सखिया पागल भेलै ना अंग विभूति गले सर्पमाला, पहिरन हिनकर बाघक छाला बसहा के कएल पलकिया,...
एकदिस छिलके गंग-नीर, दोसर भस्मे भरल शरीर तेसर ठाढ़ छथि मैना के अंगनमा, गौरी के सजनमा ना एक हाथ डामरु...
डर लगैए हे डेराओन लगैए गौरी हम नहि जायब तोरा अंगना, भयाओन लगैए हे अजगर के खम्हा पर धामिन के...
ना मन हूँ ना बुद्धि ना चित अहंकार ना जिव्या नयन नासिका करण द्वार ना मन हूँ ना बुद्धि ना...
शिव नाम जपने की रात आई, रात आई रे शिव रात आई, शिवरात्रि आई।। कौन गंगा को सर पे उठाता,...
।। दोहा ।। देखो देखो ये बाराती, ये बारातियों का हाल, बैल पर चढ़कर, मेरे भोलेनाथ आए है, अंधे काणे...