चन्द्र कवचम् || Chandra Kavacham
चन्द्रकवचम्- सुंदर सलोने चंद्रमा को देवताओं के सामान ही पुजनीय माना गया है। चंद्रमा के जन्म की कहानी पुराणों में...
चन्द्रकवचम्- सुंदर सलोने चंद्रमा को देवताओं के सामान ही पुजनीय माना गया है। चंद्रमा के जन्म की कहानी पुराणों में...
मङ्गलकवचम् - मंगल की सूर्य से औसत दूरी लगभग २३ करोड़ कि॰मी॰ (१.५ ख॰इ॰) और कक्षीय अवधि ६८७ (पृथ्वी) दिवस...
बुधकवचम्- ज्योतिष शास्त्र में बुध को एक शुभ ग्रह माना जाता है। किसी हानिकर या अशुभकारी ग्रह के संगम से...
शुक्रकवचम्- शुक्र नाम उच्चारण में शुक्ल से मिलता हुआ है जिसका अर्थ है श्वेत या उजला। यह ग्रह भी श्वेत...
ज्योतिष के अनुसार शनि की साढेसाती की मान्यतायें तीन प्रकार से होती हैं, पहली लग्न से, दूसरी चन्द्र लग्न या...
धर्मग्रंथो के अनुसार सूर्य की पत्नी संज्ञा की छाया के गर्भ से शनि देव का जन्म हुआ, जब शनि देव...
शनि के सम्बन्ध मे हमे पुराणों में अनेक आख्यान मिलते हैं। माता के छल के कारण पिता ने उसे शाप...
शिवानन्दलहरी आदि शंकराचार्य द्वारा विरचित शिव-स्तोत्र है। इसका शाब्दिक अर्थ है शुभ आनंद की लहर। इसमें विभिन्न छन्दों के सौ...
राहु हिन्दू ज्योतिष के अनुसार असुर स्वरभानु का कटा हुआ सिर है, जो ग्रहण के समय सूर्य और चंद्रमा का...
केतु (U+260B.svg) भारतीय ज्योतिष में उतरती लूनर नोड को दिया गया नाम है। केतु एक रूप में स्वरभानु नामक असुर...
नवग्रहसूक्तम् - ग्रह (संस्कृत के ग्रह से - पकड़ना, कब्जे में करना) माता भूमिदेवी (पृथ्वी) के प्राणियों पर एक 'ब्रह्मांडीय...
कुण्डलिनीस्तवः या कुण्डलिनी स्तुति स्तोत्र के पाठ से कुण्डलिनी शक्ति जागृत होती है तथा महाविद्या की प्राप्ति होती है, घोरसङ्कट...