अग्निपुराण अध्याय ४५ Agni Puran Adhyay 45
अग्निपुराण अध्याय ४५ पिण्डिका आदि के लक्षण का वर्णन है। अग्निपुराणम् अध्यायः ४५ - पिण्डिकालक्षणकथनम् भगवानुवाच पिण्डिकालक्षणं वक्ष्ये दैर्घ्यैण प्रतिमासमा।...
अग्निपुराण अध्याय ४५ पिण्डिका आदि के लक्षण का वर्णन है। अग्निपुराणम् अध्यायः ४५ - पिण्डिकालक्षणकथनम् भगवानुवाच पिण्डिकालक्षणं वक्ष्ये दैर्घ्यैण प्रतिमासमा।...
अग्निपुराण अध्याय ४४ वासुदेव आदि की प्रतिमाओं के लक्षण का वर्णन है। अग्निपुराणम् अध्यायः ४४ - वासुदेवादिप्रातिमालक्षणविधिः भगवानुवाच वासुदेवादिप्रतिमालक्षणं प्रवदामि...
अग्निपुराण अध्याय ४६ शालग्राम-मूर्तियों के लक्षण का वर्णन है। अग्निपुराणम् अध्यायः ४६ - शालग्रामादिमूर्त्तिलक्षणकथनम् भगवानुवाच शालग्रामादिमूर्त्तिश्च वक्षयेहं भुक्तिमुक्तिदाः। वासुदेवोऽसितो...
अग्निपुराण अध्याय ४७ शालग्राम-विग्रहों की पूजा का वर्णन है। अग्निपुराणम् अध्यायः ४७ - शालग्रामादिपूजनकथनम् भगवानुवाच शालग्रामादिचक्राङ्कपूजाः सिद्ध्यैवदामि ते। त्रिविधास्याद्धरेः...
अग्निपुराण अध्याय १७ जगत् की सृष्टि का वर्णन है। अग्निपुराणम् अध्यायः १७ - सृष्टिविषयकवर्णनम् अग्निरुवाच जगत्सर्गादिकां क्रीडां विष्णोर्वक्ष्येधुना श्रृणु। स्वर्गादिकृत्...
रुद्रयामल तंत्र पटल १३ में आज्ञाचक्रगत राशि, नक्षत्र एवं वार की गणना का विधान है। वर्णो के स्वरूप को जानकर...
रुद्रयामल तंत्र पटल १९ में प्रश्न चक्र के मध्य षडाधार के भेदन का वर्णन है। फिर निर्विकल्पादि साधनभूत कालचक्र के...
रुद्रयामल तंत्र पटल १५ में आज्ञाचक्र का ही विस्तार से माहात्म्य वर्णित है ब्रह्मस्तोत्र, ब्रह्मविद्या, ब्रह्मज्ञानी के लक्षण, ब्रह्ममार्गस्थो का...
रुद्रयामल तंत्र पटल १६ में आज्ञाचक्र का भुवन करण सामर्थ्यं वर्णित है। वहाँ पर अधोमण्डलमण्डित द्विबिन्दुनिलय के द्विदल स्थान में...
रुद्रयामल तंत्र पटल १४ में आज्ञाचक्र का ही विस्तार है। भरणी आदि २७ नक्षत्रों के स्वरूप एवं फल का विस्तार...
रुद्रयामल तंत्र पटल १७ में अथर्ववेद का लक्षण कहा गया है। यह सभी वर्णो के लिए सार रूप है और...
श्री विष्णु शत नामावलि (विष्णु पुराण) ॐ वासुदेवाय नमः ॐ हृषीकेशाय नमः ॐ वामनाय नमः ॐ जलशायिने नमः ॐ जनार्दनाय...