पढाई का खर्च उठाने के लिए पिता ने बेच दिया था घर, महज़ 22 साल की उम्र में बेटे ने IAS बन पूरा किया सपना
अगर मन में इच्छा हो, लगन हो और निरन्तर मेहनत किया जाए तो कोई भी समस्या आपको कामयाब होने से नहीं रोक सकती। आज बात एक ऐसे हीं शख्स प्रदीप सिंह की जिन्होंने विपरीत हालातों में जीकर भी सफलता का प्रेरणारूपी परचम लहराया। आईए जानते हैं मध्यप्रदेश के इंदौर के रहने वाले एक गरीब परिवार के उस लड़के के बारे में जिसने अपने मेहनत से आज एक मुकाम को हासिल किया है।
मध्यप्रदेश के इंदौर के रहने वाले प्रदीप सिंह जो एक गरीब परिवार से थे। प्रदीप सिंह के पिता मनोज सिंह एक पेट्रोल पंप पर काम करते थे जिससे उनके घर का राशन चलता था। प्रदीप की शुरूआती पढाई किसी तरह तो पूरी हुई लेकिन प्रदीप का एक सपना था आईएएस बनना। वे जानते थे कि अगर वे आईएएस बन जाते हैं तो उनकी गरीबी दूर हो जाएगी। आर्थिक रूप से बेहद कमजोर होने के कारण प्रदीप सिंह के पिता के पास इतने पैसे नहीं थे कि वे अपने बेटे को UPSC की कोचिंग करा सकें। प्रदीप सिंह सोचते थे कि अगर हम आईएएस अफसर बन जाएं तो हमारे परिवार की वितीय स्थिति बेहतर हो जाएगी। लेकिन प्रदीप सिंह अपने पिता से UPSC की कोचिंग के पैसे मांगने की हिम्मत नहीं हो रही थी।
पढाई के लिए बेच दिए घर
चूकि प्रदीप सिंह के मन में एक आईएएस अधिकारी बनने का सपना पल रहा था लेकिन गरीबी को महसूस करते हुए उन्हें अपने पिता से कोचिंग के पैसे माँगने की हिम्मत बिल्कुल नहीं होती थी लेकिन जब प्रदीप सिंह के पिता को पता चला कि उनके बेटे की इच्छा आईएएस अफसर बनने की है तो उन्होंने पैसे के इंतजाम करने हेतु अपना घर बेच दिया और पढ़ाई के लिए पैसे दिए।
प्रदीप सिंह 2017 में दिल्ली में रहकर UPSC की तैयारी कर रहे थे। जब प्रदीप सिंह UPSC की परीक्षा दे रहे थे तब उनकी मां अनीता जी की तबीयत खराब थी लेकिन प्रदीप के पिता ने इस बात को प्रदीप सिंह को नहीं बताई क्यूंकि प्रदीप की पढ़ाई पर कोई असर न हो। प्रदीप के पिता के पास प्रदीप को कॉलेज में पढ़ाई के लिए पैसे नहीं थे। तब प्रदीप की मां ने अपने गहने गिरवी रख दी थी। प्रदीप सिंह ने इंदौर से आईआईपीएस से बीकॉम की पढ़ाई की थी।
आईएएस बनकर पूरा किया सपना
प्रदीप सिंह का सपना था कि वे आईएएस बनें और आगे चल कर शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में काम करें। प्रदीप सिंह ने यूपीएससी के अपने पहले प्रयास में सफलता पाई। प्रदीप सिंह के पिता मनोज सिंह ने बताया कि बच्चों को पढ़ना उनके लिए बहुत कठिन था परन्तु उन्होंने इसका हमेशा डटकर मुकाबला किया और आज अपने बच्चों को इस काबिल बनाया। उन्होंने बताया कि प्रदीप की पढ़ाई के लिए काफी मुश्किल झेलनी पड़ी थी। परन्तु अब सब ठीक है।
प्रदीप सिंह ने जिस गरीबी और लाचारी की परिस्थितियों को झेलते हुए खुद को दृढ संकल्पित होकर आईएएस बनने के अपने सपने को पूरा किया वह कई युवाओं के लिए प्रेरणा है। प्रदीप सिंह की सफलता पर उनको बधाई देता है और उनके प्रयासों की खूब सराहना करता है।