चपरासी की बेटी ने मैट्रिक में 94% अंक लाया तो SDM ने उसे एक दिन के लिए अपनी कुर्सी पर बैठा दिया

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हमने नायक फिल्म का किरदार तो देखा ही है। फिल्मअभिनेता अनिल कपूर को 1 दिन के लिए मुख्यमंत्री का प्रभार मिलता है लेकिन उत्तराखंड के धर्मशाला में ऐसा होते देखने को मिला जब एक चपरासी की लड़की को 1 दिन के लिए SDM का प्रभाव सौंपा गया।

हिना ठाकुर एक चपरासी की लड़की हैं जिन्होंने मैट्रिक के परीक्षा में 94 फ़ीसदी अंक लाकर अपने माता पिता को ही नहीं बल्कि पूरे समाज को गौरवान्वित किया। SDM कांगड़ा, जतिन लाल को जब यह बात पता चली तो उन्होंने हिना ठाकुर को सम्मानित करने का निश्चय किया और फिर क्या था हिना ठाकुर को 1 दिन के लिए एसडीएम के कुर्सी पर बैठा दिया गया ! जतिन लाल खुद उनके बगल में बैठ कर एसडीएम के कार्यभार को लेकर इस छोटी सी बच्ची हो समझाते नजर आए।

इस तस्वीर में 14 साल की हिना ठाकुर खुद एसडीएम का कार्यभार संभाले कुर्सी पर बैठी हैं जबकि जिले के SDM जतिन लाल उन्हें अपने दायित्वों के बारे में समझाते नजर आ रहे हैं। यहां तक कि हिना ठाकुर ने उस दिन आने वाले लोगों की समस्याओं को भी सुना और एसडीएम जतिन लाल की मदद से उन्हें समाधान देने के लिए कोशिश भी की।

हिना का कहना है कि उनके लिए यह किसी सपने से कम नहीं था, उन्होंने कहा की इस कुर्सी पर बैठने के बाद मुझे भी एक सपना देखने का अवसर प्राप्त हुआ । पहले मैं खुद के रूचि के अनुसार एक डॉक्टर बनना चाहूंगी और फिर उसके बाद आईएएस ऑफिसर बन कर देश की सेवा करना चाहूंगी।

इस तस्वीर में 14 साल की हिना ठाकुर खुद एसडीएम का कार्यभार संभाले कुर्सी पर बैठी हैं जबकि जिले के SDM जतिन लाल उन्हें अपने दायित्वों के बारे में समझाते नजर आ रहे हैं। यहां तक कि हिना ठाकुर ने उस दिन आने वाले लोगों की समस्याओं को भी सुना और एसडीएम जतिन लाल की मदद से उन्हें समाधान देने के लिए कोशिश भी की।

हिना का कहना है कि उनके लिए यह किसी सपने से कम नहीं था, उन्होंने कहा की इस कुर्सी पर बैठने के बाद मुझे भी एक सपना देखने का अवसर प्राप्त हुआ । पहले मैं खुद के रूचि के अनुसार एक डॉक्टर बनना चाहूंगी और फिर उसके बाद आईएएस ऑफिसर बन कर देश की सेवा करना चाहूंगी।

Picture courtsey -Bhaskar

एसडीएम जतिन लाल ने बताया कि जब उन्हें यह खबर पता चला कि उनके ऑफिस के चपरासी की लड़की ने दसवीं में 94 फ़ीसदी अंक लाया है तब मैंने बच्ची को सम्मानित करने के लिए ऑफिस बुलाया। ऑफिस आने के बाद हिना ने आईएएस बनने का सपना बताया तब मैंने सोचा कि क्यों ना इस बच्ची के सपने को साकार करने में मदद की जाए और फिर उसे हमने एक दिन के लिए एक आईएएस ऑफिसर की जिंदगी देने का फैसला किया ।
इस फैसले से हिना के दिल में कुछ करने का जज्बा बना रहेगा और आगे चलकर वह जिंदगी में जरूर कुछ बेहतर करेगी।

हिना को भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता है और ऐसे ऑफिसर को भी तहे दिल नमन करता है जो इन बच्चों का हौसला अफजाई करने के लिए इतना प्रयास कर रहे हैं।

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