माँ के दूध में इतनी ताकत की इससे शिशु मृत्यु दर को 20% तक कम किया जा सकता है:BreastFeeding

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बच्चे हमारे भविष्य हैं और उज्जवल भविष्य के लिए बच्चों का स्वस्थ्य रहना अति आवश्यक है। बच्चे स्वस्थ्य और तंदरुस्त तभी रहेंगे जब हम जन्म से ही उनका ख़्याल रखेंगे। नवजात शिशुओं के लिए मां का दूध सर्वोत्तम आहार है। मां के दूध में सही मात्रा में सभी जीवन रक्षक तत्त्व जैसे प्रोटीन, फैट, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, लोहा और पानी पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है, “इन नन्हे मुन्ने बच्चों के लिए तैयार किया गया कोई भी अन्य आहार मां के दूध का विकल्प नहीं बन सकता। इनके लिए स्तनपान एक वरदान है।” अगस्त के पहले सप्ताह को विश्व स्तनपान सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। एक से सात अगस्त को मनाए जाने वाले विश्व स्तनपान सप्ताह का मकसद माताओं को शिशु को स्तनपान कराने के प्रति जागरूक करना और इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना है।

स्तनपान से होने वाले फ़ायदे:-

• मां के पहले दूध में कोलेस्ट्रम पाया जाता है जो गाढ़ा और हलके पीले रंग का होता है। यह लगभग 5ml होता है। कोलेस्ट्रम बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और यह बच्चे का पहला टीकाकरण (vaccination) है।

• मां का दूध बच्चों के पौष्टिक आहार की समस्त ज़रूरतों को पूरा करता है। इससे बच्चों को समस्त जीवन रक्षक तत्वों के साथ साथ रोगों से लड़ने की शक्ति भी मिलती है। इसलिए प्रत्येक मां को कम से कम छः माह तक बच्चों को स्तनपान अवश्य कराना चाहिए। छः माह के बाद लगभग दो साल तक आहार के साथ साथ स्तनपान भी कराना चाहिए।

• मां का दूध बच्चों को संक्रामक बीमारियों से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बच्चों के एलर्जी से ग्रस्त होने की संभावनाएं भी बहुत हद तक कम हो जाती हैं।

• मां का दूध बच्चों के दिमाग को पूर्णतः विकसित करता है और इससे आइक्यू (IQ) भी अधिक होता है।

• एक रिपोर्ट के मुताबिक जन्म के बाद (एक घंटे के भीतर) स्तनपान कराने से बीस फीसदी नवजात शिशु मृत्यु को रोका जा सकता है।

स्तनपान कराने वाली मां को स्तन कैंसर, ओवरी में कैंसर जैसी बीमारियों की संभावना भी अत्यंत कम हो जाती है।

हर साल विश्व स्तनपान सप्ताह (World Breast Feeding Week) में माताओं को स्तनपान कराने के लिए जागरूक किया जाता है। इसके लिए रैली या कार्यक्रम का आयोजन कर स्तनपान के फ़ायदे बताए जाते हैं। लेकिन इस साल कोरोनावायरस के संक्रमण की वजह से ऐसे किसी भी समारोह का आयोजन नहीं हुआ है।

कोविड-19 से संक्रमित मां भी करा सकती हैं स्तनपान

विश्व स्तनपान सप्ताह के उपलक्ष्य में स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) के कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग की ओर से वेब सिम्पोशियम आयोजित किया गया। इस वेबिनार में डॉ. शैली व्यास ने बताया कि मां COVID-19 से संक्रमित होने पर भी अपने नवजात शिशु को दूध पिला सकती है। हालांकि, कुछ जरूरी नियमों का पालन करते हुए स्तनपान कराना होगा। साथ ही स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने भी निर्देश जारी करते हुए बताया कि कोरोना पॉजिटिव मां अपने बच्चे को सुरक्षित एवं स्वस्थ्य रखने के लिए इन नियमों का पालन करें:-

• बच्चे को दूध पिलाते समय मास्क पहन कर रखें।

• बच्चे को छूने से पहले हाथों को अच्छे से धोएं या अल्कोहल बेस्ड हंड सैनिटाइजर का प्रयोग करें।

• आस पास की सतहों को नियमित रूप से साफ़ रखें।

विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान ने भी मंगलवार को अपना बयान जारी करते हुए बताया कि स्तनपान से COVID-19 के संक्रमित होने का खतरा बहुत कम है। अब तक ऐसा कोई मामला भी सामने नहीं आया है।

एक अगस्त से सात अगस्त तक चलाए जा रहे विश्व स्तनपान सप्ताह (World Breast Feeding Week) का समापन आज 7 अगस्त को होगा।

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