3 Easy Yoga Asanas तीन आसान योग आसन शुरुआती लोगों के लिए जो तनाव रखेंगे दूर
क्या कभी आपने ध्यान दिया है कि, जब आप अपने आसपास के लोगों से मिलते हैं और उनसे बातचीत करते हैं, तो करीब 10 लोगों में से 4 लोग ऐसे मिल ही जाते होंगे जो किसी न किसी कारण से तनावग्रस्त रहते हैं।
किसी को घर परिवार की टेंशन, किसी को कारोबार या नौकरी की टेंशन, तो किसी को अपने स्वास्थ्य से जुड़ी हुई समस्याएं हो सकती हैं। व्यक्ति जब भी तनाव लेता है किसी बात को लेकर के जब वह सोचते सोचते इतनी गहराई में उतर जाता है, कि उस से निकलना मुश्किल हो जाता है। इसी का नाम तनाव है।
इसी तनाव के कारण तरह-तरह की बीमारियां शरीर को घेर लेती है और शरीर रोगी हो जाता है। ऐसे वक्त में यदि वह किसी डॉक्टर के पास इलाज के लिए जाता है, तो डॉक्टर शारीरिक लक्षण देख कर के और मरीज के बताएं हुए कारणों के अनुसार दवाई देता है।
चेकअप आदि करवाने के बाद जो भी उससे निष्कर्ष निकलता है उसी के अनुसार इलाज होता है। लेकिन कभी कभी ऐसा हो जाता है , कि व्यक्ति अपनी मानसिक बीमारियों के कारण और उनको बताने में भी डॉक्टर के पास असमर्थ हो जाता है ।
क्योंकि वह वह भाव नहीं प्रकट कर पाता है कि उसे कौन सी बीमारी है। अब ऐसी परिस्थितियां जीवन के लिए चुनौती हो जाती हैं और इन चुनौतियों से निपटे बिना जीवन कटना लगभग असंभव हो जाता है।
इन्हीं समस्याओं से निपटने के लिए भारत के महान योग गुरुओं ने योग विज्ञान की खोज की थी। जो आज विश्व के कोने-कोने में लोगों के स्वास्थ्य के लिए कल्याणकारी साबित हो रहा है।
तो स्ट्रेस या तनाव जैसी समस्याओं से निपटने के लिए योग का सहारा लेना आवश्यक हो जाता है ,ऐसे में यदि नियमित रूप से आप कुछ आसान योगासन करते हैं तो निश्चित तौर पर ऐसी समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है।
योगासन करने से पहले स्ट्रेस, तनाव के बारे में विस्तृत जानकारी ले लेते हैं कि इससे तनाव होता क्या है।
तनाव टेंशन क्या है- Tanav Kya Hai
वैसे तो तनाव या स्ट्रेस होना सामान्य बात है ,लेकिन जब यह लंबे समय तक हो जाता है ,तो शरीर के लिए नुकसानदायक होता है। जीवन में अनेक तरह के उतार-चढ़ाव होते हैं ।
उतार चढ़ाव यदि व्यक्ति से विपरीत होते हैं, तो तनाव होना सामान्य है। कभी कभी जीवन में ऐसी परिस्थितियां आती है, जिससे तनाव होता है और कुछ देर बाद नार्मल हो जाता है।
लेकिन जब जीवन में इस तरह की टेंशन हो जाए कि उस से निकलना मुश्किल हो जाए और लंबे समय तक बनी रहे, तो यह हानिकारक है। तनाव होने पर एड्रेनिल और कार्टिसोल संपूर्ण शरीर में दौड़ने लगता है।
जिसके कारण दिल की धड़कन बढ़ती है और मानसिक शारीरिक चेतना में भी बढ़ोतरी होती है। तनाव लेने वाले व्यक्ति को पसीना आने लगता है। शरीर के सारे रोए खड़े हो जाते।
तनाव पैदा करने वाला हार्मोन यदि अधिक मात्रा में शरीर में पैदा होने लगता है तो यह स्थिति गंभीर होती है। यदि ऐसी ही स्थिति लंबे समय तक बनी रहे तो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता और हृदय को नुकसान पहुंचता है।
ऐसे में व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक क्षमता दोनों प्रभावित होती है।
अधिक तनाव से नुकसानदायक परिणाम
1- तनाव अधिक होने पर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है।
2- व्यक्ति सही या गलत के फैसले नहीं कर पाता है।
3- कभी-कभी लोग तनाव के कारण इतना तनाव ग्रस्त हो जाते हैं कि वह लोग आत्महत्या तक कर लेते हैं।
4- नई नई पारिवारिक समस्याएं जन्म ले सकती हैं।
5- कहीं कभी भी कोई ऐसी घटना घट सकती है जिसके परिणाम पूरे जीवन को प्रभावित कर सकते हैं।
योग के द्वारा तनाव से मुक्ति
मानसिक समस्याएं जब भी बढ़ती हैं तो इसका सीधा संबंध रक्त संचार से होता है। इसी कारण से जिन आसनों को मानसिक समस्याओं से निपटने के लिए उपयोगी बताया गया है।
वे सभी आसन करने से रक्त का संचार दिल से मस्तिष्क की तरफ होने लगता है। जिसके परिणाम स्वरूप हृदय का फंक्शन बेहतरीन ढंग से होने लगता है और मस्तिष्क में रक्त का संचार समुचित मात्रा में पहुंचने लगता है।
योग करते समय गहरी लंबी सांसे लेनी होती है। इन्हीं गहरी और लंबी सांसो के कारण नर्वस सिस्टम सक्रिय हो जाता है ,और मन शांत होने लगता है ।शरीर से सारी टेंशन दूर होने लगती है। शरीर की सभी मांसपेशियां रिलैक्स होने लगती है।
सभी हारमोंस बैलेंस हो जाते हैं जो तनाव को जन्म देते हैं। तो आइए उन योगासनों के बारे में जान लेते हैं जो तनाव को दूर करने में मददगार हैं।
बालासन दूर करता है तनाव को
तनाव को दूर करने के लिए बालासन उपयोगी आसन है ।इस आसन में व्यक्ति 9 महीने तक अपनी माता के गर्भ में शिशु के रूप में पलता है। इस आसन का अभ्यास करने से मानसिक तनाव पूरी तरह से गायब हो जाता है।
बालासन एक आसान योगासन है इस आसन को लगभग दो-तीन मिनट तक करना चाहिए ऐसा करने से मानसिक रूप से भावनात्मक विचारों पर नियंत्रण प्राप्त होता है।
वालासन करने की विधि
1- वज्रासन में बैठ जाए
2- अब दोनों घुटनों के बीच में थोड़ा सा गैप कर ले
3- अब आगे की और अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाते हुए झुके
4- दोनों हाथों को जमीन पर रखकर अपने मस्तक को जमीन पर लगा दें।
5- अपनी सुविधानुसार जितने समय तक इस स्थिति में सहज हो रुके।
सुखासन तनाव को दूर करने के लिए
जैसा कि नाम है सुखासन यह वह आसन है जिसमें सुख पूर्वक बैठा जा सके। सुखासन करने से रीढ़ की हड्डी सीधी होती है। तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए सुखासन लाभकारी आसन है ।इस आसन के नियमित अभ्यास से तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्याएं खत्म हो जाती।
सुखासन करने की विधि
1-इस आसन को किसी भी आयु के लोग बिना किसी कठिनाई से सरलता पूर्वक कर सकते हैं।
2-सुखासन को ध्यान और मेडिटेशन का आसन माना जाता है। इसलिए ज्यादातर मेडिटेशन करने के लिए इसी आसन में बैठना पसंद करते हैं। इसके अलावा प्राचीन योगियों द्वारा इस आसन को तपस्या की मुद्रा भी माना जाता है।
3-किसी स्वच्छ साफ सुथरा स्थान पर पीठ को सीधे रखते हुए और पैरों को फैला कर बैठ जाएं।
4-इसके बाद दोनों पैरों को बारी-बारी से क्रॉस करते हुए घुटनों से भीतर की तरफ मोड़ लें।
5-घुटने बाहर की तरफ रहना चाहिए और पालथी की स्थिति में बैठ जाएं।
6-कमर और गर्दन को सीधा रखें।
7-सबसे पहले बाएं पैर के घुटने को मोड़कर दाएं पैर जांघ के नीचे पंजे को करें।
8-इसी प्रकार दाएं पैर के घुटने को मोड़कर बाएं पैर जांघ के नीचे पंजे करें।
9-दोनों हाथों को ज्ञान मुद्रा मैं करें और घुटनों पर रखें।
10कमर ,पीठ, गर्दन और सर को एक सीधी रेखा में रखें।
11-सांसों को सामान्य रूप से लेते और छोड़ते रहे।
12-आंखों को बंद करें और मन को शांत करें और ध्यान को केंद्रित करें।
13-मन से अपने सभी नकारात्मक विचारों को रोक दें।
14-सुखासन में बैठने की स्थिति का ज्ञान करने के लिए ऊपर दिए गए चित्र की सहायता ले सकते हैं।
शवासन स्ट्रेस को दूर करने के लिए
यह आसन करने में बहुत ही सरल आसन है।इस आसन के नियमित अभ्यास से मन की भावनाओं पर कंट्रोल होता है। शरीर की थकान दूर होती है। शवासन एक ऐसा आसन है जिसमें योगी अपने शरीर पर अंतर्मुखी होता है और अपने शरीर के प्रत्येक अंग को ध्यान पूर्वक देखता है।
ऐसा करने से शरीर की कार्यप्रणाली बेहतर होती है ।जीवन को चलाने वाले महत्वपूर्ण शारीरिक अंग सक्रिय होते हैं ,और शरीर के समस्त प्रकार के हार्मोन बैलेंस में होते हैं। जिससे तनाव ,चिंता ,स्ट्रेस ,थकान, अनिद्रा आदि सभी प्रकार की बीमारियों का नाश होता है।
शवासन करने की विधि
1- सबसे पहले किसी स्वच्छ व हवादार स्थान पर कंबल आदि बिछाकर पीठ के बल लेट जाए।
2- दोनों टांगों को दूरी पर रखें टांगे पूरी तरह से खुली हो।
3- दोनों हाथ शरीर के समानांतर थोड़ी दूरी पर।
4- आंखें बंद कर ले
5- अपने शरीर को पूरी तरह से रिलैक्स कर ले।
6- पैरों के दोनों अंगूठे बाहर की तरफ झुके हो।
7- हथेलियों को खोल कर रखें
8- धीरे-धीरे शरीर के प्रत्येक अंग को ध्यान पूर्वक देखने का प्रयत्न करें।
9- सर से लेकर पैर तक प्रत्येक अंग को ध्यान पूर्वक देखें और मन ही मन उन अंगों को रिलैक्स करें ।
10- स्वास सामान्य गति से लेते और छोड़ते रहे।
यदि आप नियमित रूप से इन तीन योगासन को करेंगे ,तो तनाव, स्ट्रेस, थकान पूरी तरह से गायब हो जाएगी मन एकाग्र होगा। मन की चंचलता समाप्त होगी।