जिम और योग में अंतर क्या है Jim Aur Yoga Me Antar Kya Hai

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जिस प्रकार सवाल किया गया है कि अधिक प्रभावी जिम है या योगा। क्योंकि योग के माध्यम से मनुष्य अपने शरीर की मानसिक शक्तियों को जागृत कर सकता है और जिम से मानसिक शक्तियों का विकास नहीं हो सकता है।

योग से बहुत से मानसिक लाभ मिलते हैं और अगर जिम की बात करें तो जिनके माध्यम से मनुष्य की बाहरी शरीर की मांसपेशियों में बदलाव आता है अर्थात मनुष्य का लुक अच्छा दिखता है किंतु यह पता नहीं है कि उस मनुष्य का शरीर अंदर से किस स्थिति मे है ।

अगर हम योग को बेहतर मानकर योग का अभ्यास करते हैं तो योग के अभ्यास से मनुष्य के आंतरिक शरीर को मजबूती मिलती है तथा मनुष्य के अंदर से विभिन्न प्रकार की विकारों की मुक्ति होती है।

जिनके लिए विभिन्न प्रकार के उपकरणों की आवश्यकता होती है और उन उपकरणों को हम खरीद करके ही जिम कर सकते हैं या जिम में जाने के लिए पैसों का भुगतान करना पड़ता है।

जबकि योग में किसी प्रकार के उपकरण की आवश्यकता नहीं होती है वह हम स्वयं से कर सकते हैं।

योग करने के बाद व्यक्ति अपने शरीर को स्वस्थ अनुभव करता है किसी प्रकार की थकान का अनुभव नहीं होता है। जबकि जिम करने के बाद थकान का अनुभव होता है।

जिम के अभ्यास से व्यक्ति के शरीर बहुत ही मजबूत और कड़क हो जाता है।नाते में उसे कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है जबकि योग के माध्यम से व्यक्ति का शरीर लचीला और सुडौल बनता है।

योग व्यक्ति के शरीर को सुंदर और सुडौल बनाने के लिए योग का अपना महत्व है।

जिसको हम योगा कहते हैं वो एक प्रकार का शारीरिक व्यायाम ही होता है ।और वही शारीरिक व्यायाम हमें जिम के द्वारा भी प्राप्त होता है योग में व्यायाम शामिल होता है।

अंतर केवल इतना होता है कि जिम में अनेक प्रकार के उपकरण अलग-अलग अंगों के व्यायाम के लिए बनाए जाते हैं।जबकि योगा में शारीरिक नियमों का पालन होता है जिसमें स्वास्थ्य की क्रिया के महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

इस प्रकार दोनों प्रकार के व्यायाम का लाभ हो सकता है जब हम उसे नित्य पालन करते हैं और इसको आदत के रूप में अपने जीवन का एक अंग बना देते हैं।

योग का वास्तविक अर्थ शारीरिक और मानसिक दोनों को नियम में बांधना होता है जहां शारीरिक अवस्था ठीक रखना इसके लिए आवश्यक है कि हम मन की दिशा को कंट्रोल कर सके।

यदि व्यक्ति का मन का कंट्रोल हो जाए तो यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि होती है जो शारीरिक कमी को आप ही जान कर उसके हल को ढूंढने में स्वयं सामर्थ्य हो सकती है।

यहां हम कहना चाहेंगे कि जब तक शरीर स्वस्थ है व्यक्ति जवान है जिम मैं उसका स्थान हो सकता है । परंतु दूसरे दृष्टिकोण के लिए योग शुरू किया जा सकता है।

योग बेहतर है या जिम में कसरत करना बेहतर है यह सवाल अक्सर मन में एक दुविधा पैदा करता है ऐसे अनेक कारण हैं जो यह साबित करते हैं कि योगा जिम से बेहतर है।

एक अच्छा होने पर जोर देता है तो दूसरा अच्छा देखने पर हमारी मांसपेशियां बड़े-बड़े काम कर सकती हैं उन को मजबूत बनाने के साथ-साथ अगर लचकदार भी बनाया गया तो उनकी क्षमता को असाधारण रूप से बढ़ाया जा सकता है।

अगर आप अधिक वजन उठाने की कसरत करते हैं तो आपकी मांसपेशियां बड़ी और को भरी हुई दिखाई देंगी।

आपने ऐसे कई लोगों को देखा होगा जिनकी मांसपेशियां काफी मजबूत और उभरी हुई होती है लेकिन वह सही से नमस्कार तक नहीं कर सकते यहां तक कि जिम और योगा दोनों शरीर को स्वस्थ बनाते हैं पर दोनों में कुछ अंतर है।

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जिम में कसरत करने के लिए मशीन की आवश्यकता होती है।जबकि योग किसी मशीन की जरूरत नहीं होती योग अपने शरीर के द्वारा ही हो जाता है।

योग में कुछ विशेष प्रकार के आसन हैं जो कुछ बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों के लिए वर्जित होते हैं जिसे दिल की बीमारी यदि किसी व्यक्ति को है तो हलासन वह नहीं कर सकता। जबकि जिम में ऐसा कुछ नहीं है।

जिम करने के लिए धन की आवश्यकता होती है और योग करने के लिए किसी प्रकार के धन की जरूरत नहीं होती है।

कुछ लोग जिम को श्रेष्ठ मानते हैं और कुछ लोग योग को श्रेष्ठ मानते हैं।

जबकि मेरे दृष्टिकोण से योगा जिम से बेहतर है।हर व्यक्ति का सोचने का नजरिया अलग अलग हो सकता है वह अलग अलग नजरों से इसको देख सकता है लेकिन योगा अत्यधिक प्रभावशाली है।

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