आहार में छिपा है स्वास्थ्य का राज AAHAR ME CHHIPA HAI SWASTHY KA RAJ

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हमारे शरीर के लिए ऐसा भोजन होना चाहिए जो हमारे शरीर में किसी प्रकार का विकार न पैदा करें। और स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अच्छा हो,अधिक  ऐसा देखा गया है कि व्यक्ति स्वाद के चक्कर में इस तरीके के खानपान को अपना लेता है जिससे उसका स्वास्थ्य बिगड़ जाता है।

स्वाद तो हमें कुछ ही समय के लिए मिलता है जब तक भोजन हमारे मुंह में जीभ पर रहता है तब तक हमें स्वाद मिलता है ।और जैसे ही गले के नीचे उतरा उसका स्वाद समाप्त हो गया,तो भोजन का स्वाद हमें कुछ समय के लिए मिला लेकिन उसका जो दुष्प्रभाव है वह  हमारे शरीर के अंदर पहुंचने पर वह अपना असर दिखाने लगता है।

 और शरीर को रोगी बना देता है, जब शरीर रोगी हो जाता है तो हमारा स्वास्थ्य अच्छा नहीं रहता है।इसीलिए कहा गया है कि हमें स्वाद के लिए नहीं अच्छे स्वास्थ्य के लिए भोजन करना चाहिए। क्योंकि जब व्यक्ति बीमार होता है उसके पेट में गैस बनने लगती है, डकारे आने लगती हैं ,खट्टी खट्टी डकार आती हैं, पेट फूल जाता है, पेट में जलन होने लगती है, बार बार मल त्याग करने के लिए जाना पड़ने लगता है।

तब जब हम किसी चिकित्सक के पास इलाज के लिए जाते हैं ,तब वह हमसे यही कहता है कि अब आप थोड़ा हल्का भोजन लीजिए।क्योंकि हल्का भोजन ही स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अच्छा होता है और वही हमारे शरीर को स्वस्थ रख सकता है। तभी चिकित्सक यह सलाह देते हैं ,कि हल्का भोजन लो। हल्के भोजन में या तो डॉक्टर बताता है कि पतली दाल और उसमें गेहूं की रोटी भिगोकर उसको खिलाएं या पतली खिचड़ी बनाकर खिलाएं, क्योंकि यह भोजन गुणकारी होता है।

 और पाचन शक्ति जो कमजोर हो चुकी होती है उस समय भी यह भोजन पच जाता है। डॉक्टर तीखा ,चटपटा ,मसालेदार, चिकनाईयुक्त  भोजन लेने से मना कर देता है क्योंकि ऐसा भोजन हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक होता है और स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अच्छा नहीं होता है। तो यदि हम अपने खानपान में ही परिवर्तन कर ले। तो हमारा स्वास्थ्य अच्छा रह सकता है और हम डॉक्टर के पास जाने से या हॉस्पिटल जाने से बच सकते हैं।

तो आइए अब हम इस लेख में यह जानने का प्रयास करेंगे कि हमें अच्छे स्वास्थ्य के लिए कैसा भोजन लेना चाहिए।

 चटपटा भोजन खाने से बचें– Chatpata Khane Se Bachen

आज के समय में अधिकतर लोग चटपटे भोजन का सेवन करते है। यह भोजन हमें स्वादिष्ट तो जरूर लगता है, लेकिन हमारे शरीर के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक नहीं है। चटपटा तीखा भोजन जब कोई व्यक्ति करता  है, तो उसके शरीर में कई तरीके के विकार पैदा हो जाते हैं।

 बदहजमी,गैस बनना,पेट मे जलन,खट्टी डकार आना आदि तमाम तरह के विकार पैदा होते हैं। स्वाद के चक्कर में हम अपने शरीर की गतिविधियों को बिगाड़ लेते हैं और शारीरिक कष्ट मिलने लगता है। इसलिए इस तरीके का चटपटा भोजन नहीं करना चाहिए।

तली भुनी चीजें अधिक मसालेदार आहार से बचें– Tali Bhuni Cheejen Adhik Masaledar Aahar Se Bachen

जिस तरह से चटपटा और तीखा भोजन स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से नुकसानदायक होता है। उसी प्रकार तली भुनी हुई व मसालेदार खानपान की सामग्री भी हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक नहीं है। हमें इस तरीके का भोजन नहीं करना चाहिए जो हमारे  स्वाद के चक्कर में स्वास्थ्य को बिगाड़ दे।

मौसम के अनुसार ही आहार करें– Mausam Ke Anusar Hi Aahar Karen

प्रायः ऐसा देखा गया है कि गर्मी के मौसम में गर्म चीजों का इस्तेमाल किया जाता है।और ठंडक के महीने में ठंडी चीजों का इस्तेमाल लोग करते हैं।इस तरीके का भोजन जो मौसम के अनुरूप न हो वह हमारे स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से हमारे लिए लाभदायक नहीं है।इसलिए मौसम के अनुरूप ही भोजन लिया जाना चाहिए।

ठंडक महीने में गर्म चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए व गर्मी के महीनों में ठंडी चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए।यदि हम अपने खानपान में मौसम के अनुरूप भोजन करते हैं तो हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

कभी भी बासी भोजन  रात्रि में बचा हुआ भोजन सुबह न करें

 हमेशा ताजा भोजन ही करना चाहिए। ताजा भोजन हमारे शरीर को स्फूर्ति व ताजगी देता है।

यदि रात्रि में खाने के बाद कुछ भोजन बच जाता है तो उसका इस्तेमाल सुबह भूलकर भी नहीं करना चाहिए।क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार हमेशा ताजा भोजन ही स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है और बासी भोजन हमारे स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है।

 स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से उत्तम भोजन

भोजन हमारे शरीर को पोषण देता है हमारे संपूर्ण शरीर का संचालन हमें जो भोजन के द्वारा ऊर्जा प्राप्त होती है उसी से हमारे शरीर का पालन पोषण होता है। और समस्त शारीरिक गतिविधियां उसी ऊर्जा से ही संपन्न होती हैं।अब आइए जानते हैं कि हमें कैसा भोजन करना चाहिए जिससे हमारे शरीर को ऊर्जा प्राप्त हो सके और हमारा शरीर रोग मुक्त हो सके।

मोटे अनाजों का प्रयोग करें

पहले के लोग जो हमारे बड़े बुजुर्ग थे। वह लोग कम बीमार होते थे और उनका स्वास्थ्य भी अच्छा रहता था। क्योंकि आधुनिकता के माहौल में लोगों का खान-पान काफी हद तक बिगड़ गया है।

पहले मोटे अनाजों का अधिक उपयोग खाने में किया जाता था। मोटे अनाजों का इस्तेमाल करने से पाचन शक्ति मजबूत होती है और भोजन आसानी से पच जाता है। आज के समय में लोग अधिकतर ज्वार ,बाजरा ,मक्के की रोटी न खा करके गेहूं के आटे को बहुत ही अधिक महीन मैदे की रोटियां खाते हैं। जो आंतों में चिपक जाती  हैं और कई प्रकार की बीमारियां पैदा करती हैं।

मैदे से या सूजी से बनी हुई रोटियां खाने से पाचन शक्ति क्षीण हो जाती है ,और  भूख न लगना, गैस बनना आदि बीमारियां बढ़ जाती हैं। इसलिए खाने में हमेशा 10 किलो गेहूं के साथ 2 किलो मकाई 1 किलो चना मिलाकर आटा बनाना  चाहिए। इस प्रकार बने हुए आटे से जो रोटियां बनाई जाएंगी उनको खाने से शरीर में बल की वृद्धि होगी व पाचन शक्ति मजबूत होगी।यह भोजन स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अधिक उत्तम माना गया है।

फल और हरी सब्जियों का अधिक प्रयोग करें

खाने में फल और हरी पत्तेदार सब्जियां हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही उपयोगी व लाभदायक हैं। हरी पत्तेदार सब्जियां व फल हमारे शरीर के लिए उपयोगी विटामिंस की पूर्ति करती हैं वह स्वास्थ्यवर्धक होती हैं।

दही का प्रयोग करें

जब भी खाना खाने बैठे हैं तो खाने को खूब चबा चबाकर खाएं और भोजन करते समय जब भी प्यास लगे तो दही का प्रयोग करें भोजन करते समय पानी न पिए। दही हमारे शरीर के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक है।

 जो भी भोजन हम करते हैं वह तीन चरणों से गुजरता है।

उगाना

पकाना

चबाना

1-उगाना

जो भी आहार हम लेते हैं वह सर्वप्रथम किसी खेत में उगाया जाता है। फिर किसी रसोई में वह पकाया जाता है। उसके पश्चात वह भोजन हम करते हैं। आजकल के समय में जो भी भोजन या अन्न खेत में उगाया जाता है उसमें तमाम तरह के केमिकल का प्रयोग किया जाता है।

स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से इस प्रकार का भोजन हानिकारक है।लेकिन अधिक पैदावार के चक्कर में लोग इस तरीके का इस्तेमाल करते हैं और तमाम तरह की रासायनिक खादों का इस्तेमाल करके इसके बाद में वह उगाया जाता है।

यदि इस भोजन को उगाने में रासायनिक खाद् और केमिकल का उपयोग न किया जाए तो वह स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अच्छा माना जाता है। इस प्रकार का भोजन जब हम करते हैं तो हमारे शरीर को लाभ मिलता है और हमारा स्वास्थ्य उत्तम रहता है। यदि हो सके तो हमें ऐसा भोजन करना चाहिए जिसको  उगाने में अधिक खादो व केमिकल का प्रयोग न किया गया हो।

2-पकाना

जितने ही प्रेम के साथ भोजन को पकाया जाता है भोजन उतना ही स्वादिष्ट होता है। जब भी भोजन पकाया जाए तो हमें किसी प्रकार की चिंता न करते हुए प्रेम पूर्वक भोजन को पकाना चाहिए प्रेम पूर्वक पकाया गया भोजन हमारे शरीर के लिए कई गुना लाभदायक हो जाता है।

3-चबाना

जब भी भोजन करने बैठे हैं तो भोजन को खूब चबा चबाकर खाएं। चबा चबा कर किया जाने वाला भोजन शरीर में आसानी से पच जाता है और हमारी आंतों को अधिक काम नहीं करना पड़ता है। जो हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।

भोजन हमारे शरीर के लिए आवश्यक है बिना भोजन के शरीर को ऊर्जा नहीं प्राप्त होती है।उपरोक्त लिखी हुई बातों को ध्यान में रखते हुए यदि हम इन को अपने जीवन में अपनाते हैं तो हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

एक बहुत पुरानी कहावत है कि

                           जैसा खाओ अन्न  वैसा हो मन।

                             जैसा हो मन वैसा हो तन ।।

जिस प्रकार का हम भोजन करते हैं उसी प्रकार हमारा मन होता है इसीलिए हमें ऐसा भोजन करना चाहिए जिससे हमारे शरीर को भरपूर पोषण मिल सके। क्योंकि भोजन में ही स्वास्थ्य का राज छुपा होता है स्वस्थ रहने के लिए स्वस्थ और पौष्टिक भोजन करना आवश्यक है।

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