अज से आगे भोले नाथ तेरी भांग बिलकुल बंद से -aj se aage bhole naath teri bhaang bilkul band se
अज से आगे भोले नाथ तेरी भांग बिलकुल बंद से
फेर नही मांगू गा गोरा आज तो भांग पिला दे
इसा भांग में के से भोले तू मने बता दे
इक लोटा पी के देखो आवे घना आनंद से
अज से आगे भोले नाथ तेरी भांग बिलकुल बंद से
भुट्टी पैदा करे ये धरती साधू संता की खातिर
काजू मेवा क्यों न खाता सब देवो में चकर
नाचो में आवे रे गोरा बोली तेरी गुल्क्न्ध से
अज से आगे भोले नाथ तेरी भांग बिलकुल बंद से
हरी भांग की गठरी में आंदनी पे धर लिया
कमल सिंह गोरा ने फिर लास्ट घोटा लाया,
अच्छा व्याह करवाया घर में पे गया फंद से
अज से आगे भोले नाथ तेरी भांग बिलकुल बंद से