रुद्रयामल तंत्र पटल २० , Rudrayamal Tantra Patal 20, रुद्रयामल तंत्र बीसवाँ पटल
रुद्रयामल तंत्र पटल २० में सभी मन्त्रों के सार स्वरूप फलचक्र का वर्णन है। उसका षटकोणों मे छः ध्यान बताया...
रुद्रयामल तंत्र पटल २० में सभी मन्त्रों के सार स्वरूप फलचक्र का वर्णन है। उसका षटकोणों मे छः ध्यान बताया...
रुद्रयामल तंत्र पटल ४१ में राकिणी के साथ योगिराज श्रीकृष्ण का स्तवन है (२०--२१)। इस स्वाधिष्ठान राकिणी स्तोत्र में कृष्णप्रिया...
रुद्रयामल तंत्र पटल ३७ में पीताम्बरधारी वंशीनाद वाले भगवान् कृष्ण का विमल ध्यान वर्णित है। बिना कृष्णपदाम्भोज के ध्यान के...
उपनिषद श्रृंखला के पूर्व भाग में आपने ऐतरेयोपनिषद अध्याय १ और अध्याय २ को पढ़ा अब उससे आगे ऐतरेय उपनिषद...
सलमा सिद्दीक़ी को अधिकतर लोग कृष्णन चंदर की हमसफ़र के रूप में ही जानते हैं। लेकिन उनकी एक अलग पहचान...
रुद्रयामल तंत्र पटल ४० में षड्दल कमल के ६ वर्णो का पृथक्-पृथक् ध्यान प्रतिपादित है (१९-२१) । इस प्रकार से...
राकिणी केशव सहस्रनाम- रुद्रयामल तंत्र पटल ४२ में राकिणी एवं श्रीकृष्ण की प्रीति के लिए हवन एवं तर्पण का विधान...
रुद्रयामल तंत्र पटल ४३ में मणिपूरचक्र के भेदन की विधि का निरूपण है । (५३--५४, ५९,६०) यहीं पर भगवान् रुद्र...
रुद्रयामल तंत्र पटल ४४ में मणिपूर भेदन के प्रसङ्ग में ही त्रितत्त्वलाकिनी शक्ति का स्तवन किया गया है। मणिपूर का...
चाणक्य नीति या चाणक्य नीतिशास्त्र (४ से ३ शताब्दी ई॰पु॰ मध्य) चाणक्य द्वारा रचित एक नीति ग्रन्थ है। इसमें सूत्रात्मक...
रुद्रयामल तंत्र पटल ४५ में वर्णं ध्यान का वैशिष्ट्य निरूपित है। पूर्वादि दल से लेकर सभी वर्णों का पृथक्-पृथक् ध्यान...
नादबिन्दुपनिषद ॠग्वेदीय शाखा के अन्तर्गत एक उपनिषद है। इस उपनिषद् में नाद के अनुसन्धान को दर्शाया गया है इसलिए इसे...