Bandhu Jispe Rakhi Wo Kalai Chahiye Lyrics || बाँधु जिसपे राखी वो कलाई चाहिए लिरिक्स

1

बाँधु जिसपे राखी वो कलाई चाहिए,
बहना कहने वाला एक भाई चाहिए माँ,
माँ पूरी मेरी आस कर खड़ी मैं कब से तेरे दर।।

हिरे मोती सोना चांदी मांगू कब माँ,
बंगले की गाडी की भी कोई चाह ना,
सुना सुना लगे जग भाई के बिना,
आँख हो जैसे रोशनाई के बिना,
दीपक हूँ मैं तेल बाती के बगैर,
डाल दो माँ झोली में मुरादो वाली खैर,
सारी दुनिया ना ना खुदाई चाहिए,
बहना कहने वाला एक भाई चाहिए माँ,
माँ पूरी मेरी आस कर खड़ी मैं कब से तेरे दर।।

जब जब राखी का त्यौहार आए माँ,
अँखियों में मेरे आंसू भर आए माँ,
बात नहीं मैया कुछ मेरे बस की,
लाख रोकू रुक नहीं पाती सिसकी,
हर सिसकी ने यही शिकवा किया,
मैया तूने काहे एक भाई ना दिया,
सिसकियों की होनी सुनवाई चाहिए,
बहना कहने वाला एक भाई चाहिए माँ,
माँ पूरी मेरी आस कर खड़ी मैं कब से तेरे दर।।

दुःख सुख बांटे जो सरल स्वभाव हो,
पूरा मेरे मन का हर चाव हो,
देख देख मुखड़ा मैं वारि जाउंगी,
बाधूंगी राखी मैं टिका लगाऊंगी,
होगी जब शादी फूली ना समाऊँगी,
गाउंगी मैं घोड़ियां शगन मनाऊंगी,
गाने को ‘लख्खा’ बस बधाई चाहिए,
बहना कहने वाला एक भाई चाहिए माँ,
माँ पूरी मेरी आस कर खड़ी मैं कब से तेरे दर।।

बाँधु जिसपे राखी वो कलाई चाहिए,
बहना कहने वाला एक भाई चाहिए माँ,
माँ पूरी मेरी आस कर खड़ी मैं कब से तेरे दर।।

1 thought on “Bandhu Jispe Rakhi Wo Kalai Chahiye Lyrics || बाँधु जिसपे राखी वो कलाई चाहिए लिरिक्स

Leave a Reply to binance account creation Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *