श्रीमद्भगवद्गीता पन्द्रहवाँ अध्याय || Shri Mad Bhagavat Gita Pandrahavan Adhyay
श्रीमद्भगवद्गीता पन्द्रहवाँ अध्याय का नाम पुरुषोत्तमयोग है। इसमें विश्व का अश्वत्थ के रूप में वर्णन किया गया है। यह अश्वत्थ...
श्रीमद्भगवद्गीता पन्द्रहवाँ अध्याय का नाम पुरुषोत्तमयोग है। इसमें विश्व का अश्वत्थ के रूप में वर्णन किया गया है। यह अश्वत्थ...
श्रीमद्भगवद्गीता सोलहवाँ अध्याय में देवासुर संपत्ति का विभाग बताया गया है। आरंभ से ही ऋग्देव में सृष्टि की कल्पना दैवी...
श्रीमद्भगवद्गीता सत्रहवाँ अध्याय की संज्ञा श्रद्धात्रय विभाग योग है। इसका संबंध सत, रज और तम, इन तीन गुणों से ही...
श्रीमद्भगवद्गीता अठ्ठारहवाँ अध्याय की संज्ञा मोक्षसंन्यास योग है। इसमें गीता के समस्त उपदेशों का सार एवं उपसंहार है। यहाँ पुन:...
यम सूक्तम् - यमराज हिन्दू धर्म के अनुसार मृत्यु के देवता हैं। इनका उल्लेख वेद में भी आता है। इनकी...
त्रयोदशी को सौभाग्यदायक तिथि माना गया है। तमाम कार्यों के लिए शुभ मानी जाने वाली इस तिथि पर भगवान शंकर...
भगवान शिव और माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए और उनकी की कृपा पाने लिए सोमवार का व्रत व...
इससे पूर्व आपने पढ़ा कि रविवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को रवि प्रदोष व्रत कथा कहते हैं। सोमवार के...
इससे पूर्व व्रत-कथा की श्रृंखला में आपने पढ़ा कि – भगवान शिव और माता पार्वती की प्रसन्नता व किसी जातक...
इससे पूर्व आपने पढ़ा कि मंगलवार के दिन को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष व्रत कथा कहते हैं।...
इससे पूर्व आपने पढ़ा कि बुधवार के दिन को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को बुध प्रदोष व्रत कथा कहते हैं।...
इससे पूर्व आपने पढ़ा कि गुरुवार के दिन को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को गुरु प्रदोष व्रत कथा कहते हैं।...