Month: June 2022

इन कार्यों में कभी ना करें अहंकार, वरना व्यर्थ है सब

न च मां तानि कर्माणि निबध्नन्ति धनञ्जय। उदासीनवदासीनमसक्तं तेषु कर्मसु।। गीता 9/9।। अर्थ: हे अर्जुन! कर्म मुझको नहीं बांधते हैं,...

श्री राम चरित मानस- सुंदरकांड, मासपारायण, चौबीसवाँ विश्राम || Shri Ram Charit Manas Sunderkand-c Choubisavan Vishram

श्रीरामचरित मानस- सुंदरकांड, मासपारायण, चौबीसवाँ विश्राम श्री रामचरित मानस पंचम सोपान (सुंदरकांड) शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं ब्रह्माशंभुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदांतवेद्यं विभुम्‌। रामाख्यं जगदीश्वरं...

इस तरह पाएं परमात्मा के सनातन परम पद को

वेदेषु यज्ञेषु तपःसु चैव दानेषु यत्पुण्यफलं प्रदिष्टम् । अत्येति तत्सर्वमिदं विदित्वा योगी परं स्थानमुपैति चाद्यम् ।। गीता 8/28 अर्थ: इस...

इस तरह शरीर त्याग करने वाला ब्रह्म को प्राप्त होता है

अग्निर्ज्योतिरह: शुक्ल: षण्मासा उत्तरायणम् | तत्र प्रयाता गच्छन्ति ब्रह्म ब्रह्मविदो जना: || 24|| अर्थ: अग्नि, ज्योति, दिवस, शुक्ल पक्ष, उत्तरायण...

कब मनुष्य होता है जन्म-मरण के बंधन से मुक्त?

यत्र काले त्वनावृत्तिमावृत्तिं चैव योगिन:| प्रयाता यान्ति तं कालं वक्ष्यामि भरतर्षभ|| गीता 8/23|| अर्थ: हे भरत श्रेष्ठ! जिस काल में...

आत्मा पुरुष या स्त्री, क्या कहा गया है गीता में

पुरुष: स पर: पार्थ भक्त्या लभ्यस्त्वनन्यया। यस्यान्त:स्थानि भूतानि येन सर्वमिदं ततम्।। गीता 8/22।। अर्थ: हे पार्थ ! जिस परम पुरुष...