बृहस्पति मङ्गल स्तोत्रम् || Brihaspati Mangal Stotram
बृहस्पतिमङ्गलस्तोत्रम् - बृहस्पति सूर्य से पाँचवाँ और हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। यह मुख्य रूप से एक गैस...
बृहस्पतिमङ्गलस्तोत्रम् - बृहस्पति सूर्य से पाँचवाँ और हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। यह मुख्य रूप से एक गैस...
श्रीगुर्वाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् - ज्योतिष के अनुसार बृहस्पति इसी नाम के ग्रह के स्वामी माने जाते हैं और नवग्रहों में गिने जाते...
गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र || Gajendra Moksha Stotram || Gajendra Moksha Stotra श्रीशुक उवाच ” एवं व्यवसितो बुद्ध्या समाधाय मनो ह्रदि...
शुक्रस्तोत्रम् - शुक्र, जिसका संस्कृत भाषा में एक अर्थ है शुद्ध, स्वच्छ, भृगु ऋषि के पुत्र एवं दैत्य-गुरु शुक्राचार्य का...
शुक्रस्तवराजः एक अन्य कथा के अनुसार भगवान विष्णु ने जब वामन अवतार लिया था, तब वे त्रैलोक्य को दानस्वरूप ग्रहण...
श्री पाशुपतास्त्र स्तोत्र || Shri Pashupatastra Stotra || Shri Pashupati Stotra ॐ नमो भगवते महापाशुपतायातुलबलवीर्यपराक्रमाय त्रिपन्चनयनाय नानारुपाय नानाप्रहरणोद्यताय सर्वांगडरक्ताय भिन्नांजनचयप्रख्याय...
श्रीशुक्राष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् - भारतीय ज्योतिष के अनुसार शुक्र लाभदाता ग्रह माना गया है। यह वृषभ एवं तुला राशियों का स्वामी है।...
हिरण्यगर्भ सूक्त- हिरण्यगर्भ शब्द भारतीय विचारधारा में सृष्टि का आरंभिक स्रोत माना जाता है। इसका शाब्दिक अर्थ है – प्रदीप्त...
शुक्रमङ्गलस्तोत्रम् - शुक्र जीवनसंगी, प्रेम, विवाह, विलासिता, समृद्धि, सुख, सभी वाहनों, कला, नृत्य, संगीत, अभिनय, जुनून और काम का प्रतीक...
चैत्र नवरात्र के दिनों में माता की प्रसन्नता के लिए अंबे माता की आरती कीजिए, अंबे तू है जगदंबे काली।...
लांगुलास्त्र शत्रुजन्य हनुमत स्तोत्र || Langulastra Shatrunjay Hanumat Stotram हनुमन्नञ्जनीसूनो महाबलपराक्रम। लोलल्लांगूलपातेन ममाऽतरीन् निपातय ।।1।। मर्कटाधिप मार्तण्ड मण्डल-ग्रास-कारक। लोलल्लांगूलपातेन ममाऽतरीन्...
'अच्युताष्टकम्' भगवान श्रीहरि को प्रसन्न करने वाला स्तोत्र है । यद्यपि इसमें वर्णन भगवान विष्णु का है परन्तु प्रधानता श्रीकृष्ण...