योगिनीस्तोत्रसार || Yogini Stotra Saar
रुद्रयामल तंत्र पटल ३० में भेदिनी स्तोत्र इसके बाद छेदिनी स्तोत्र का वर्णन है। इसके बाद योगिनीस्तोत्रसार का वर्णन है...
रुद्रयामल तंत्र पटल ३० में भेदिनी स्तोत्र इसके बाद छेदिनी स्तोत्र का वर्णन है। इसके बाद योगिनीस्तोत्रसार का वर्णन है...
सदियों से साहित्यकारों का उद्देश्य अपनी रचना के द्वारा मनुष्य की अंतरात्मा को रौशन करना रहा है। ऐसे ही साहित्य...
“नंद के कुमार कुरबान तेरी सूरत पै, हूं तो मुगलानी हिंदूआनी ह्वे रहूंगी मैं” आज के संदर्भ में ताज की उपर्युक्त...
रुद्रयामल तंत्र पटल ३३ में कुण्डलिनी देवी के स्तोत्र, ध्यान, न्यास तथा मंत्र को कहा गया है। पहले कुण्डलिनी का...
पहले प्रजापति दक्ष ने जल, थल और आकाश में रहने वाले देवता, असुर एवं मनुष्य आदि प्रजा की सृष्टि अपने...
मुनीन्द्र–वृन्द–वन्दिते त्रिलोक–शोक–हारिणि प्रसन्न-वक्त्र-पण्कजे निकुञ्ज-भू-विलासिनि व्रजेन्द्र–भानु–नन्दिनि व्रजेन्द्र–सूनु–संगते कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥१॥ अशोक–वृक्ष–वल्लरी वितान–मण्डप–स्थिते प्रवालबाल–पल्लव प्रभारुणांघ्रि–कोमले । वराभयस्फुरत्करे प्रभूतसम्पदालये कदा करिष्यसीह...
मुद्गल पुराण ( mudgala purāṇam ) हिंदू देवता गणेश ( Gaṇeśa ) को समर्पित एक हिंदू धार्मिक ग्रंथ है। यह...
रुद्रयामल तंत्र पटल ३४ में जनन एवं मरण से छुटकारा प्राप्ति के किए पञ्चस्वर योग का वर्णन है। यह अत्यन्त...
रुद्रयामल तंत्र पटल ३५ में धौती योग की विधि वर्णित है। एक हाथ से लेकर ३२ हाथ तक की धोती...
रुद्रयामल तंत्र पटल ३६ में भगवती कुण्डली देवी के अष्टोत्तर सहस्रनामस्तोत्र का निरूपण है। अष्टोत्तर सहस्रनाम जप के बाद कवच...
रुद्रयामल तंत्र पटल ३२ में कुण्डलिनी देवी के स्तोत्र, ध्यान, न्यास तथा मंत्र को कहा गया है। पहले कुण्डलिनी का...
ऐतरेय उपनिषद एक ऋग्वेदीय उपनिषद है। ऋग्वेदीय ऐतरेय आरण्यक के अन्तर्गत द्वितीय आरण्यक के अध्याय ४, ५ और ६ का...