ऐतरेयोपनिषत् द्वितीय अध्याय – Aitareyopanishat Dvitiya Adhyay
उपनिषद श्रृंखला के पूर्व भाग में आपने ऐतरेयोपनिषद प्रथम अध्याय पढ़ा अब उससे आगे ऐतरेयोपनिषत् द्वितीय अध्याय का श्रवण पठन...
उपनिषद श्रृंखला के पूर्व भाग में आपने ऐतरेयोपनिषद प्रथम अध्याय पढ़ा अब उससे आगे ऐतरेयोपनिषत् द्वितीय अध्याय का श्रवण पठन...
रुद्रयामल तंत्र पटल ३८ में भगवान् श्री कृष्ण की ध्यानविधि विस्तृत रूप से वर्णित है । इस पटल के ५वें...
“हम आधुनिक हैं। पढ़े-लिखे हैं, किसी भी मुद्दे पर बात करने में हमें हिचक नहीं होती है ” यह बड़ा ही...
इस उपनिषद में 'श्रीसूक्त' के वैभव-सम्पन्न अक्षरों को आधार मानकर देवी मन्त्र और चक्र आदि को प्रकट किया गया है।...
ऋषि मुद्गल , हिंदू धर्म के राजर्षियों में से एक हैं । वे एक क्षत्रिय राजा थे, लेकिन अपनी घोर...
अमृतनाद उपनिषद कृष्ण यजुर्वेदीय शाखा के अन्तर्गत एक उपनिषद है। इस उपनिषद में 'प्रणवोपासना' के साथ योग के छह अंगों-...
रुद्रयामल तंत्र पटल ३९ में भगवान् श्रीकृष्ण के स्तोत्र एवं कवच पद्धति का विस्तार से प्रतिपादन है। इस स्तोत्र पाठ...
हमारा समाज प्रेम को पारंपरिक भाषा में बांध कर रखता है। उस पर जाति, धर्म, लिंग, नस्ल आदि के आधार...
रुद्रयामल तंत्र पटल २० में सभी मन्त्रों के सार स्वरूप फलचक्र का वर्णन है। उसका षटकोणों मे छः ध्यान बताया...
रुद्रयामल तंत्र पटल ४१ में राकिणी के साथ योगिराज श्रीकृष्ण का स्तवन है (२०--२१)। इस स्वाधिष्ठान राकिणी स्तोत्र में कृष्णप्रिया...
रुद्रयामल तंत्र पटल ३७ में पीताम्बरधारी वंशीनाद वाले भगवान् कृष्ण का विमल ध्यान वर्णित है। बिना कृष्णपदाम्भोज के ध्यान के...
उपनिषद श्रृंखला के पूर्व भाग में आपने ऐतरेयोपनिषद अध्याय १ और अध्याय २ को पढ़ा अब उससे आगे ऐतरेय उपनिषद...