काँधे पे कावड उठाली- kaandhe pe kawad uthaali
काँधे पे कावड उठाली
भोले जी तेरी बम भोले
भोला नाचे भजावे ताली भोले जी तेरी बम बम भोले
अंग भभूती रमावे भोला मस्ती में जब आवे भोला,
श्मशानो के स्वामी भोला ओध्ननाथ कहावे भोला
तेरे संग विराजे माँ काली
भोले रे तेरी बम भोले
जब जब यु सवान है आता कावडीयो का रेला जाता
नील कंठ की कठिन चड़ाई बम बम की जय कार लगाई
कावड की है बात निराली
भोले रे तेरी बम भोले
नाम तेरे का पी कर प्याला मन मन्दिर हो जाये शिवाला
कवाड़ीयो का बेश निराला छम छम नाचे डमरू वाला
नागर ने कावड उठा ली
भोले रे तेरी बम भोले