Navkar Mantra || Namokar Mantra || णमोकार महामंत्र
Namokar Mantra
जैन धर्म का पवित्र और अनादी मंत्र है णमोकार महामंत्र – नवकार मंत्र ईश्वर या संत के किसी विशिष्ट नाम को संबोधित नहीं करता है।
नवकार मंत्र सभी देवताओं, ऋषियों और संतों का आशीर्वाद लेने और उनका आशीर्वाद पाने का एक सामान्य मंत्र है।
इसमें किसी व्यक्ति का नहीं, किंतु संपूर्ण रूप से विकसित और विकासमान विशुद्ध आत्मस्वरूप का दर्शन, स्मरण, चिंतन, ध्यान एवं अनुभव किया जाता है। इसलिए यह अनादि और अक्षयस्वरूपी मंत्र है।
जैन धर्म तीर्थंकरों या संतों से एहसान या भौतिक लाभ की माँग नहीं करता है। णमोकार मंत्र हमें जीवन की समस्याओं, कठिनाईंयों, चिंताओं, बाधाओं से पार पहुंचाने में सबसे बड़ा आत्म-सहायक है।
यह उन महान आत्माओं का आशीर्वाद मांगता है जो लोगों को उनके अंतिम लक्ष्य या निर्वाण की याद दिलाते हैं। इसलिए इस मंत्र का नियमित जाप करना बताया गया है।
नवकार मंत्र का अंतिम उद्देश्य आध्यात्मिक धन प्राप्त करना है न कि भौतिक लाभ। इसलिए बिना किसी लालच के नवकार मंत्र का जप करना महत्वपूर्ण है।
हमेशा पृथ्वी पर सभी प्राणियों के कल्याण की तलाश करें और मुक्ति के लिए अपने मार्ग का मार्गदर्शन करने के लिए आध्यात्मिक रूप से विकसित स्वामी के मार्गदर्शन के लिए प्रार्थना करें।
Navkar Mantra || णमोकार महामंत्र
णमो अरिहंताणं,
णमो सिद्धाणं,
णमो आयरियाणं,
णमो उवज्झायाणं,
णमो लोए सव्व साहूणं,
एसो पंच णमोक्कारो, सव्व पाव-प्पणासणो।
मंगलाणं च सव्वेसिं, पढमं हवइ मंगलं॥
अरिहंतो को नमस्कार।
सिद्धों को नमस्कार।
आचार्यों को नमस्कार।
उपाध्यायों को नमस्कार।
सर्व साधुओं को नमस्कार।
Navkar Mantra Meaning in English
Namo Arihantanam – I bow in reverence to Arihants
Namo Siddhanam – I bow in reverence to Siddhas
Namo Ayariyanam – I bow in reverence to Acharyas
Namo Uvajjhayanam – I bow in reverence to Upadhyayas
Namo Loye Savva Sahunam – I bow in reverence to all Sadhus
Eso Panch Namoyaro – This five-fold salutation
Savva Pavappanasano – Destroys all sins
Mangalanam Cha Savvesim – And amongst all auspicious things
Padhamam Havai Mangalam – Is the most auspicious one
Navkar Mantra Benefits in Hindi
ये पांच परमेष्ठी हैं। इन पवित्र आत्माओं को शुद्ध भावपूर्वक किया गया यह पंच नमस्कार सब पापों का नाश करने वाला है। संसार में सबसे उत्तम मंगल है।
इस मंत्र के प्रथम पांच पदों में 35 अक्षर और शेष दो पदों में 33 अक्षर हैं। इसतरह कुल 68 अक्षरों का यह महामंत्र समस्त कार्यों को सिद्ध करने वाला व कल्याणकारी अनादि सिद्ध मंत्र है। इसकी आराधना करने वाला स्वर्ग और मुक्ति को प्राप्त कर लेता है।