प्रजापति भी कावड़ लाया छोरा कुम्हार का- prajapati bhi kawad laya chora kumar ka
बम बम भोले करता आया देवो के देव का
प्रजापति भी कावड लाया छोरा कुमार का
काँधे कावड उठा के भोले धूम मचा वे भारी से
गंगा जल से भर के गारी भोले तुझे रिजावे से
डम डम डमरू बोले शिव काशी नाथ का
गरजा पति यो कावड लाया गोरा कुमार का
दकश प्रजापति के वंशक हम भोले तुझे मनावे है
दूध दही और घी से भोले मल मल तुझे नेह्लावे से
अंग भभूत रमामे भोला मुर्दे की राख का
प्रजापति भी कावड लाया छोरा कुमार का
दिल्ली यु पी हरयाने के भोले घने दीवाने से
प्रजापति का बचा भोले गुण तेरा ही गावे से
नागर भी मतवाला हुआ बस तेरे ही धाम का
प्रजापति भी कावड लाया छोरा कुमार का