राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ परिचय Rashtriya Swayamsevak Sangh Introduction

2

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबन्धित प्रश्न निम्न आ रहे होंगे आपके मन मे

  • आरएसएस संघ क्या है और इसका मूल्य विचार क्या है?
  • आरएसएस संघ की स्थापना कब हुई थी और उसका मुख्यालय कहां स्थित है?
  • आरएसएस संघ के सदस्य कैसे बन सकते हैं और उन्हें क्या करना चाहिए?
  • आरएसएस संघ के उद्देश्य क्या हैं और इसके कार्यक्रम क्या हैं?
  • आरएसएस संघ और भारतीय राजनीति के बीच क्या संबंध हैं?
  • आरएसएस संघ के समर्थकों का क्या स्टैंड है धर्म, सामाजिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर?
  • आरएसएस संघ के सदस्यों का संगठन कैसे होता है और वे अपने काम कैसे करते हैं?इसमें क्या होता है ?
  • यह इतना बड़ा संगठन कैसे हुआ ? इसकी कार्यप्रणाली क्या है ? इसके अंतर्गत कितने संगठन आते है ?
  • इसमें जिला क्या होता है विभाग क्या होता और प्रान्त क्या होता है क्षेत्र क्या होता है और अखिल क्या होता है  इसमें सबसे बड़ा पद क्या होता है
  • इसमें अभ्यास वर्ग क्या होता है ? इसके अंतर्गत कार्यरत व्यक्तियों की सेलरी क्या होती है  यह अपनी व्यवस्था कैसे बनाता है ?
  • इसका मैनेजमेंट सिस्टम क्या है ? इन सभी के हजारो प्रश्नों के उत्तर के लिए हमने बहुत ही स्टडी की लेकिन अंत में जाकर एक ही उत्तर मिला की इन सबका उत्तर है शाखा
  • अब यह शाखा क्या है ? कहा लगती है ? कौन लगवाता है ? इसके अंदर क्या होता है 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का परिचय और इतिहास की विकास यात्रा दिनांक के साथ निम्न है

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का परिचय : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विश्व का सबसे बड़ा संगठन है यह एक ऐसा संगठन है जिसका गुरु एक भगवाध्वज है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) भारत का एक स्वयंसेवी हिन्दू संगठन है। इसे 27 सितंबर 1925 को केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा नागपुर में स्थापित किया गया था। संगठन के मुख्य उद्देश्य भारतीय संस्कृति, भाषा और धर्म को संजोना और देश के समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों के बीच एकता और शांति को बढ़ाना है। RSS का ध्येय है “समाज के लिए समर्पित स्वयंसेवी संगठन” और इसके मूल मंत्र हैं “संस्कृति जन जागृति के लिए”। संगठन का फ़्लैगशिप प्रकार एक भगवा ध्वज होता है। RSS एक स्वयंसेवी संगठन होने के साथ-साथ एक धर्म वाला संगठन भी है। यह हिंदू धर्म के समर्थक होते हैं और हिंदू धर्म के प्रति समर्पण और विश्वास को बढ़ाने का काम करते हैं। RSS एक प्रचार और नेतृत्व विकास संगठन भी है। संगठन के नेताओं को नेतृत्व विकास के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है और वे समाज की भलाई के लिए नेतृत्व देने के लिए तैयार होते हैं। RSS #परिचय

इतिहास की विकास यात्रा दिनांक के साथ निम्न है

  • १९२५ विजयदशमी के दिन प०पू० डॉ० केशवराव बलिराम हेडगेवार के द्वारा संघ की स्थापना।
  • १९२६ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नाम की औपचारिक स्वीकृति। १९२७ पहला संघ शिक्षा वर्ग (एसएसबी)।
  • १९२८ पहला गुरु पूजा उत्सव तथा पहली प्रतिज्ञा शपथ ग्रहण समारोह।
  • १९२९ सरसंघचालक के रूप में डॉ० जी की नियुक्ति ।
  • १९३० महात्मा गांधी का डांडी सत्याग्रह संघ के स्वयंसेवकों ने स्वतंत्रता आन्दोलन में भाग जंगल सत्याग्रह में भाग लिया। संघ ने स्वराज्य की मांग का समर्थन किया।
  • १९३२ अंग्रेज सरकार सघ पर प्रतिबन्ध लगाना चाहती थी परन्तु ऐसा करने में असफल रही।
  • १९३३ नागपुर में संघ कार्य के लिए रेशिम बाग मैदान की खरीद ।
  • १९३४ महात्मा गांधी ने वर्धा में शीत शिविर को देखा।
  • १९३५ नागपुर के बाहर पहला संघ शिक्षा वर्ग ( एसएसवी)।
  • १९३६ वर्धा में विजयदशमी (२५ अक्तूबर) दिवस को वन्दनीय मौसी केलकर जी द्वारा राष्ट्र सेविका समिति की स्थापना।
  • १९३७ डॉ० जी तथा वीर सावरकर की बैठक स्वामी अखण्डानन्द जी द्वारा पू० गुरूजी की दीक्षा।
  • १९३८ पुणे में डॉ० जी द्वारा अखिल भारतीय युवक परिषद् की अध्यक्षता की।
  • १९३६ नागपुर के निकट सिन्दी में प्रमुख संघ कार्यकर्ताओं की बैठक। संस्कृत में संघ प्रार्थना और आदेश स्वीकृत किये गये।
  • १९४० प० पू० डॉक्टर जी का देहावसान गुरु जी द्वितीय सरसंघचालक नियुक्त हुए।
  • १९४१ श्री गुरूजी द्वारा आहवान अधिक संख्या में प्रचारक निकले।
  • १९४२ भारत छोड़ो आन्दोलन में स्वयंसेवकों ने भाग लिया। संघ की वर्दी में सैनिक देश से नागरिक वेश में परिवर्तन |
  • १९४४ उत्तर भारत में संघ कार्य का विस्तार।
  • १९४६ रावलपिंडी, झेलम तथा पेशावर में पू० श्री गुरूजी के विशाल सार्वजनिक कार्यक्रम (जलसे)।
  • १९४७ भारत स्वतंत्र हुआ। दुर्भाग्यपूर्ण विभाजन भारत से बाहर पहली संघशाखा केन्या में स्थापित ।
  • १९४८ महात्मा गांधी की दुर्भाग्यपूर्ण हत्या। संघ पर प्रतिबन्ध। ८०,००० स्वयंसेवकों द्वारा सबसे बहा अहिंसात्मक सत्याग्रह
  • १९४६ गांधी हत्याकांड से संघ बेदाग निकला। प्रतिबंध उठा लिया गया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी एक विद्यार्थी संगठन) की स्थापना।
  • १९५० म्यांमार (बर्मा) में संघ कार्य प्रारम्भ। केन्या के राष्ट्रपति जोमो केन्याटा ने पैरोबी में संघ शिविर को देखा।
  • १९५१ एक राष्ट्रवादी राजनीतिक पार्टी के रूप में जनसंघ का गठन।
  • १९५२ संघ ने गो रक्षा आन्दोलन में भाग लिया। गोरखपुर कल्याण आश्रम ट्रस्ट में पहला शिशु मन्दिर स्थापित।
  • १९५४ संघ कार्यकर्ताओं ने दादरी नागर हवेली को मुक्त कराया। वर्षा के निकट सिन्दी में प्रमुख संघ कार्यकर्ताओं की चिन्तन बैठक ।
  • १९५५ इस समय का सबसे बड़ा श्रमिक संगठन भारतीय मजदूर संघ की स्थापना।
  • १९५६ गुरु जी का ५०वां जन्मदिन मनाया गया।
  • १९६० इन्दौर में प्रमुख संघ कार्यकर्ताओं की चिन्तन बैठक ।
  • १९६२ नागपुर में रेशिमबाग में प०पू० डॉक्टर जी के स्मृति में स्मृति मन्दिर का उद्घाटन। चीन ने भारत पर आक्रमण किया। संघ ने नागरिक सुरक्षा में भाग लिया।RSS #परिचय
  • १९६३ भारत में भारत विकास परिषद की स्थापना। दिल्ली की गणतंत्र परेड में भाग लेने के लिए संघ के स्वयसेवकों को आमंत्रण।
  • १९६४ मुम्बई में स्वामी चिन्मयानन्द जी के संदीपनी आश्रम में जन्माष्टमी वाले दिन विश्व हिन्दू परिषद की स्थापना।
  • १९६५ भारत-पाक युद्ध पाकिस्तान पराजित संघ ने युद्ध प्रयत्नों में भाग लिया।
  • १९६६ यूके में संघ कार्य प्रारम्भ प्रयाग कुम्भ मेला में प्रथम विश्व हिन्दू सम्मेलन का आयोजन।
  • एक साहित्य संगठन अखिल भारतीय साहित्य परिषद् का गठन।
  • १९६७ केरल के एक विशाल वार्षिक सम्मेलन में प० दीनदयाल उपाध्याय भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष बनाए गए।
  • १९६८ प्रथम हिन्दू स्वयंसेवक संघ प्रतिनिधि सभा ।
  • १९६६ एक शैक्षणिक संगठन भारतीय शिक्षण मण्डल की स्थापना।
  • १९७० विवेकानन्द रॉक मेमोरियल का उद्घाटन।
  • १९७२ यूके में वीएचपी का गठन। दिल्ली में दीनदयाल रिसर्च इन्स्टीट्यूट की स्थापना ।
  • १९७३ प० पू० गुरू जी का देहावसान प० पू० बाला साहेब देवरस तृतीय सरसंघचालक बने। छिगवेल में प्रथम अखिल यूके शिविर ।
  • १९७४ भारत में एक उपभोक्ता मंच-ग्राहक पंचायत का गठन।
  • १९७५ भारत में आपात स्थिति लागू की गयी संघ सहित अनेक राष्ट्रवादी संगठनों पर प्रतिबन्ध । लोकतन्त्र वापिस लाने के संघर्ष में संघ जुट गया। कनाडा में संघ की गतिविधियों का प्रारम्भ यूके में ब्रेडफोर्ड में प्रथम एसएसवी यूके में हिन्दू सेविका समिति का कार्यारम्भ ।
  • १९७७ भारत में आपातकालीन स्थिति तथा संघ से प्रतिबन्ध हटाये गये। दिल्ली में एफआईएसआई का दूसरा अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई द्वारा सम्बोधित।
  • १९७६ प्रयाग में वीएचपी सम्मेलन किसानों के संगठन भारतीय किसान संघ की स्थापना।
  • १९८० बाटोन रोज लुसिआन यूएसए में वीएचपी का सम्मेलन मा० भाऊराव जी की पहली विश्वव्यापी
  • १९८१ हांगकांग तथा दक्षिण पूर्वी एशिया में संघ कार्य प्रारमा। १९८२ संस्कार भारती स्थापित
  • १९८३ तरजई, पूना में विशालतम तीन दिवसीय शिविर लन्दन में प्रथम यूके वीएचपी सम्मेलन।
  • १९८४ देश की एकता को मजबूत करने के लिए भारत में एकात्मता रथ यात्रा १९८५ भारत में संघ कार्य के ६० वर्ष पूरे होने पर समारोह सहकार भारती की स्थापना।
  • १९८६ राष्ट्रीय सिख संगत का गठन प्रमुख कार्यकर्ताओं की नागपुर चिन्तन बैठक लन्दन में एफआईएसआई सम्मेलन।
  • १९८७ भारत में बुद्धिजीवियों के एक मंच प्रज्ञाभारती का गठन केन्या में संघ के ४० वर्ष पूरे होने के समारोह।
  • १९८८ नीदरलैण्ड के डेन हॉग में यूरोपियन वीएचपी सम्मेलन एमसटरडम में प्रथम यूरोपियन शाखा । काठमांडू में विश्व हिन्दू महासम्मेलन सिंगापुर में वीएचपी विश्व सम्मेलन।
  • १९८६ डॉ० हेडगेवार की जन्मशताब्दी समारोह भारत के बाहर हिन्दुओं का विशाल सम्मेलन यूके में मिल्टन कीनीज में विश्व हिन्दू सम्मेलन अयोध्या में शिला पूजन।
  • 199० लन्दन में यूके की तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती थैचर ने मकर संक्राति उत्सव में भाग लिया। बंगलौर में प्रथम विश्व संघ शिविर वकीलों के एक संगठन अधिवक्ता परिषद् का गठन अयोध्या में कारसेवकों पर गोली
  • १९६१ सेवा इन्टरनेशनल तथा नेशनल हिन्दू स्टूडेन्ट्स फोरम की यूके में स्थापना। |
  • १९६२ ६ दिसम्बर को अयोध्या में बाबरी ढांचे को गिराया गया। संघ पर तीसरा प्रतिबन्ध छह मास तक चला। फ्रैंकफर्ट जर्मनी में वीएचपी सम्मेलन बंगलौर में प्रथम विश्व संघ शिक्षा वर्ग
  • १९६४ प्रो० राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया चौथे सरसंघचालक ।
  • १९६६ जून में प० पू० बाला साहेब देवरस का देहावसान कैरेबियन देशों में संघ कार्य का विस्तार।
  • १९६७ बंगलौर में द्वितीय विश्व संघशिक्षा वर्ग ट्रेनिंग शिविर तथा पुणे में समिति ट्रेनिंग शिविर। केन्या में संघ कार्य के ५० वर्ष मा० रज्जू भैया केन्या, द० अफ्रीका तथा मौरिशस की यात्रा पर
  • १९६८ यूएसए में प्रथम धर्म ससद सूरीनाम में संघ कार्य प्रारम्भ जापान में बौद्ध मन्दिर तथा वीएचपी, यूके द्वारा प्रकाशित एक्सल्पेनिंग हिन्दू धर्म-ए गाइड टू टीचर्स के उद्घाटन के लिए रज्जूमैया का प्रवास।
  • २००० पू० सुदर्शन जी पूर्वे सरसंघचालक नियुक्त। त्रिनिदाद में अगस्त में विश्व हिन्दू सम्मेलन । न्यूयार्क में अगस्त में यूएनओ के तत्वावधान में विश्व शताब्दी आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन । |
  • २००२ जनवरी मास में झाबुआ (मध्य प्रदेश) में ढाई लाख वनवासियों का अभूतपूर्व सम्मेलन, प० पू० सरसंघचालक जी का उद्बोधन ।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में सीधे-सादे सरल कार्यक्रमों के द्वारा एकरस समाजजीवन का घटक इस नाते निरामय निर्भय बलशील सम्पन्न समाजोपयोगी जीवन जीने की कला सिखाई जाती है। स्वाभाविकतया ऐसे कार्यक्रमों का कुशलतापूर्वक निर्वहन इस शिक्षा का एक आवश्यक अंग बन जाता है। यद्यपि किसी कार्यक्रम का सफल निर्वहन निर्वाहक की अपनी कुशलता व कल्पना पर बहुत अधिक निर्भर करता है, तो भी कार्यक्रम का मूल आकृतिबंध ही देशकालपरिस्थिति सुसंगत निर्वहन की प्रक्रिया को उचित दिशा में फलदाई बनाता है। संपूर्ण देशभर में फैली शाखाओं के व्यापक विस्तार को चलाने वाले शाखा कार्यकर्ताओं का इस दृष्टि से प्रशिक्षित व सदा सजग रहना शाखा से संस्कारसिद्धि की अनिवार्य आवश्यकता बन जाती है। उसको पूर्ण करने की व्यवस्था वर्ग आदि के रूप में संघ रचना में है ही, फिर भी व्यापक कार्य विस्तार व आधुनिक गतिमान जीवन में समयाभाव के कारण कार्यकर्ताओं को कई बार इन कार्यक्रमों को स्मरण दिलानेवाला कोई साधन सदा उपलब्ध रहे यह आवश्यकता सभी को बार-बार प्रतीत होती है।