सन्तान गणपति स्तोत्रम् || Santan Ganapati Stotram
यदि विवाह के बहुत समयोपरांत भी संतान सुख न हो तो पूरी श्रद्धा से नित्य-प्रति भगवान गणेश का पूजन कर सन्तान गणपति स्तोत्रम् का पाठ करें ।
सन्तानगणपतिस्तोत्रम्
श्रीगणेशाय नमः ।
नमोऽस्तु गणनाथाय सिद्धिबुद्धियुताय च ।
सर्वप्रदाय देवाय पुत्रवृद्धिप्रदाय च ॥ १॥
गुरुदराय गुरवे गोप्त्रे गुह्यासिताय ते ।
गोप्याय गोपिताशेषभुवनाय चिदात्मने ॥२॥
विश्वमूलाय भव्याय विश्वसृष्टिकराय ते ।
नमो नमस्ते सत्याय सत्यपूर्णाय शुण्डिने ॥ ३॥
एकदन्ताय शुद्धाय सुमुखाय नमो नमः ।
प्रपन्नजनपालाय प्रणतार्तिविनाशिने ॥ ४॥
शरणं भव देवेश सन्ततिं सुदृढा कुरु।
भविष्यन्ति च ये पुत्रा मत्कुले गणनायक ॥ ५॥
ते सर्वे तव पूजार्थं निरताः स्युर्वरोमतः ।
पुत्रप्रदमिदं स्तोत्रं सर्वसिद्धिप्रदायकम् ॥ ६॥
इति सन्तानगणपतिस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।
सन्तानगणपतिस्तोत्र भावार्थ सहित
संतान प्राप्ति गणेश स्तोत्र
नमोऽस्तु गणनाथाय सिद्धिबुद्धियुताय च ।
सर्वप्रदाय देवाय पुत्रवृद्धिप्रदाय च ॥ १॥
सिद्धि-बुद्धि सहित उन गणनाथ को नमस्कार है, जो (पुत्र) संतानवृद्धि प्रदान करने वाले तथा सबकुछ देने वाले देवता है ।
गुरुदराय गुरवे गोप्त्रे गुह्यासिताय ते ।
गोप्याय गोपिताशेषभुवनाय चिदात्मने ॥२॥
जो बड़े पेट वाले यानि लम्बोदर, गुरु यानि ज्ञानदेवता, गोप्ता, गुह्य तथा सब और से गौर हैं । जिनका स्वरुप और तत्व गोपनीय है तथा समस्त भुवनों के रक्षक हैं, उन चिदात्मा आप गणपति को नमस्कार है ।
विश्वमूलाय भव्याय विश्वसृष्टिकराय ते ।
नमो नमस्ते सत्याय सत्यपूर्णाय शुण्डिने ॥ ३॥
जो विश्व के मूल कारण, कल्याण स्वरुप, संसार की सृष्टि करने वाले, सत्यरुप तथा शुण्डाकारी हैं, उन आप गणेश्वर को बारम्बार नमस्कार है ।
एकदन्ताय शुद्धाय सुमुखाय नमो नमः ।
प्रपन्नजनपालाय प्रणतार्तिविनाशिने ॥ ४॥
जिनके एक दाँत और सुन्दर मुख है, जो शरणागत, भक्तजनों के रक्षक तथा प्रणतजनों की पीड़ा का नाश करने वाले हैं, उन शुद्धस्वरुपा आप गणपति को बारम्बार नमस्कार है ।
शरणं भव देवेश सन्ततिं सुदृढा कुरु।
भविष्यन्ति च ये पुत्रा मत्कुले गणनायक ॥ ५॥
ते सर्वे तव पूजार्थं निरताः स्युर्वरोमतः ।
पुत्रप्रदमिदं स्तोत्रं सर्वसिद्धिप्रदायकम् ॥ ६॥
देवेश्वर ! आप मेरे लिए शरणदाता हो । मेरी संतान – परम्परा को सुदृढ़ करें । गणनायक ! मेरे कुल में जो संतान हो, वे सब आपकी पूजा के लिए सदा तत्पर हों । यह वर प्राप्त करना मुझे इष्ट हैं । यह संतानदायक स्तोत्र समस्त सिद्धियों को देनेवाला है ।
इति सन्तानगणपतिस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।