ShrimadBhagwat Puran in Hindi pdf Download || श्रीमद्भागवत पुराण हिंदी में पीडीएफ डाउनलोड
सच्चिदानन्दस्वरूप भगवान् श्रीकृष्णको हम नमस्कार करते हैं, जो जगत्की उत्पत्ति, स्थिति और विनाशके हेतु तथा आध्यात्मिक, आधिदैविक और आधिभौतिकतीनों प्रकारके तापोंका नाश करनेवाले हैं॥१॥
जिस समय श्रीशुकदेवजीका यज्ञोपवीत-संस्कार भी नहीं हुआ था तथा लौकिक-वैदिक कोके अनुष्ठान का अवसर भी नहीं आया था, तभी उन्हें अकेले ही संन्यास लेने के लिये घर से जाते देखकर उनके पिता व्यासजी विरह से कातर होकर पुकारने लगे-‘बेटा ! बेटा ! तुम कहाँ जा रहे हो?’ उस समय वृक्षों ने तन्मय होने के कारण श्रीशुकदेवजीकी ओर से उत्तर दिया था। ऐसे सर्वभूत-हृदयस्वरूप श्रीशुकदेवमुनिको मैं नमस्कार करता हूँ
We salute Lord Shri Krishna as Sachchidanandas, who is the destroyer of heat, for spiritual origin, condition, and destruction, and for spiritual, semi-spiritual, and semi-physical forms.
At the time when Shree Sushukadevajika Yajnopavit-sanskar was not done and the occasion of the secular-Vedic rituals did not come, then seeing his father go home from his house to retire alone, his father Vyasji started crying out loudly – ‘Beta! son! Where are you going?I salute Shrishukadevamuniko as such a whole-hearted soul..