Vishnu Puran PDF Download in Hindi || विष्णु पुराण पीडीएफ हिंदी में डाउनलोड करें
श्रीसूतजी बोले-मैत्रेयजीने निस्यकोसे निवृत्त हुए मुनिवर पराशरजीको प्रणाम कर एवं उनके चरण छूकर | पूछा-॥१॥”हे गुरुदेव। मैने आपहीसे सम्पूर्ण वेद, वेदाङ्ग और सकल धर्मशास्रोका क्रमशः अध्ययन किया है॥२॥हे मुनिश्रेष्ठ! आपकी कृपासे मेरे विपक्षी भी मेरे लिये यह नहीं कह सकेंगे कि ‘मैने सम्पूर्ण शासकि अभ्यासमें परिश्रम नहीं किया ॥३॥ हे धर्मश। हे महाभाग ! अब मैं आपके मुखारविन्दसे यह सुनना चाहता हूँ कि यह जगत् किस प्रकार उत्पन्न हुआ और आगे भी (दूसरे कल्पके आरम्भमें) कैसे होगा?॥४॥ तथा हे ब्रह्मन् ! इस संसारका उपादान-कारण क्या है? यह सम्पूर्ण चराचर किससे उत्पन्न हुआ है। यह पहले | किसमे लीन था और आगे किसमे लीन हो जायगा? ॥ ५॥ इसके अतिरिक्त [ आकाश आदि ] भूतोका परिमाण, समुद्र, पर्वत तथा देवता आदिको उत्पत्ति, पृथिवीका अधिष्ठान और सूर्य आदिका परिमण तथा उनका आधार, देवता आदिके वंश, मनु, मन्वन्तर, (बार-बार आनेवाले] चारों युगोंमें विभक्त कल्प और कल्पोंक विभाग, प्रलयका स्वरूप, युगोंके
Shree Sootji said – Maitreya ji retired from the nishyakos by paying obeisance to Munivar Parasharji and touching his feet. Asked – 719 “O Gurudev. I have studied the entire Vedas, Vedas and Sakal Dharmasastraka respectively. 264 O Munishreshtha! With your kindness my opponents will not be able to say to me that ‘I have ruled the whole Did not work hard in practice Hey Dharmash Hey Mahagavan! Now I want to hear from your power of thought how this world was born and how it will be in the beginning (in the beginning of the second cycle). ॥४॥ And O Brahman! What is the factor of this world? From whom is this entire pasture originated? This first | Who was absorbed in it and who will be absorbed in it? 4 59 Apart from this, the [heavens] magnitude of ghosts, the origin of the sea, the mountains and the gods, the origin of the earth, the setting of the earth and the sun, the perimeters and their bases, the deity Adike dynasty, Manu, Manvantara, the (recurring) divisions of the four eras, the divisions of the Kalpa and Kalponak, Pralayaka. Nature, ages…..