गरुडपुराण सारोद्धार अध्याय १२ || Garud Puran Saroddhar Adhyay 12 || एकादशाहविधिनिरूपण
गरुडपुराण-सारोद्धार (प्रेतकल्प) में आपने इससे पूर्व में गरुडपुराण सारोद्धार अध्याय ११ को पढ़ा। अब आगे इस गंथ के मूल पाठ...
गरुडपुराण-सारोद्धार (प्रेतकल्प) में आपने इससे पूर्व में गरुडपुराण सारोद्धार अध्याय ११ को पढ़ा। अब आगे इस गंथ के मूल पाठ...
गरुडपुराण-सारोद्धार (प्रेतकल्प) में आपने इससे पूर्व में गरुडपुराण सारोद्धार अध्याय ५ को पढ़ा। अब आगे इस गंथ के मूल पाठ...
मेरुतन्त्रान्तर्गत श्रीपरशुरामतन्त्रम् का वर्णन है जिसमे की परशुरामजी का ध्यान,पूजा,मन्त्र,यंत्र आदि के विषय में बतलाया गया है। पुराणों में परशुराम...
दत्तात्रेयसंहिता, परशुरामकल्पसूत्र, त्रिपुरारहस्य, प्रपञ्चसार, सौन्दर्यलहरी, वामकेश्वरतंत्र, त्रिपुरार्णव, श्रीविद्यार्णव, वरिवस्यारहस्य, नित्योत्सव, नित्याषोडषिकार्णव, श्रीविद्यार्णव, परमानन्दतन्त्र, वामकेश्वरीमतम् आदि तन्त्र-आगमग्रन्थ त्रिपुरा से ही सम्बन्धित...
कृष्ण जन्माष्टमी, जिसे केवल जन्माष्टमी या गोकुलाष्टमी के रूप में भी जाना जाता है, एक वार्षिक हिंदू त्योहार है जो...
इससे पूर्व आपने शाक्त-उपनिषद के अंतर्गत कालिकोपनिषत् पढ़ा अब इसी श्रृंखला में यहाँ कामराजकीलितोद्धारोपनिषत् दिया जा रहा है। कामराजकीलितोद्धारोपनिषत् अथोवाच...
जो प्रतिदिन श्रीराधा की पूजन करता है, वह भारतवर्ष में साक्षात विष्णु के समान है। जीवन्मुक्त एवं पवित्र है। उसे...
कार्तिक शुक्ल नवमी को द्वापर युग का प्रारम्भ हुआ है। अत: वह तिथि दान और उपवास में क्रमशः पूर्वाह्नव्यापिनी तथा...
सर्वदेव वैदिक हवन विधि - सर्वप्रथम यजमान को पूर्व या उत्तराभिमुख बैठाकर सामने चौक बनाकर उसके ऊपर गौरी-गणेश, नवग्रह ,...
जब किसी भी जातक का जन्म होता है उस समय आकाशमंडल में ग्रह-नक्षत्रों का विशेष स्थिति(दशा) उदित, अस्त,मार्गी,वक्री आदि अवस्था...
सुदर्शनचक्र के इस महत्पुण्यशाली स्तोत्र का जो मनुष्य परम भक्ति से पाठ करता है, उसके ग्रहदोष और रोगादि सभी कष्ट...
काली पूजन विधिः पूजन से पूर्व पूजन सामाग्री को यथाक्रम यथास्थान रखकर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके...