सरस्वतीतन्त्र तृतीय पटल || Sarasvati Tantra Tritiya Patal
आप सरस्वतीतन्त्र की सीरिज पढ़ रहे हैं जिसका की आपने प्रथम पटल व द्वितीय पटल अभी तक पढ़ा।अब आगे सरस्वतीतन्त्र...
आप सरस्वतीतन्त्र की सीरिज पढ़ रहे हैं जिसका की आपने प्रथम पटल व द्वितीय पटल अभी तक पढ़ा।अब आगे सरस्वतीतन्त्र...
नारायण उपनिषद् को नारायणोपनिषद, नारायणोपनिषत् अथवा नारायण अथर्वशीर्ष भी कहा जाता है। यह कृष्ण यजुर्वेदीय शाखा के अन्तर्गत एक उपनिषद...
आप सरस्वतीतन्त्र की सीरिज पढ़ रहे हैं जिसका प्रथम पटल, द्वितीय पटल व तृतीय पटल अभी तक पढ़ा।अब आगे सरस्वतीतन्त्र...
अभी तक प्रथम पटल, द्वितीय पटल, तृतीयपटल व चतुर्थ पटल इससे पूर्व दिया जा चुका है। अब आगे सरस्वतीतन्त्र की...
इस नारदपुराणोक्त मारुतिकवच में हनुमानजी को प्रत्येक श्लोकों के द्वारा नमस्कार किया गया है और उन्हें राम का बाण कहकर...
पवननुत्र हनुमान श्रीरामचंद्र के सबसे बड़े भक्त हैं। हनुमान जी की पूजा से समस्त कष्टों से तत्काल छुटकारा मिल जाता...
गरुड़ पुराण अध्याय १५ में-यह भगवान श्रीहरि ने भगवान रुद्र को विष्णु सहस्त्रनाम बताया था। विष्णु सहस्त्रनाम के नित्य पाठ...
राघवेन्द्र भगवान श्री राम की कृपा प्राप्ति के लिए श्रीराघवेन्द्राष्टकम् का पाठ करें। श्रीराघवेन्द्राष्टकम् अच्युतं राघवं जानकी वल्लभं कोशलाधीश्वरं रामचन्द्रं...
विष्णु सूक्त के द्रष्टा दीर्घतमा ऋषि हैं। भगवान् श्री हरी विष्णु के विविध रूप, कर्म हैं। अद्वितीय परमेश्वर रूप में...
सरस्वतीतन्त्र की सीरिज चल रहा है जिसका प्रथम पटल, द्वितीय पटल, तृतीय पटल, चतुर्थ पटल व पञ्चम पटल आपने पढ़ा।...
सर्वसारोपनिषत् या सर्वसार उपनिषद में सभी उपनिषदों का सार दिया गया है। सभी वेद, पुराण, उपनिषद,भागवत, गीता में जिस आत्म-तत्व...
धर्म ग्रन्थों के अनुसार शरभ भगवान शिव के एक अवतार माने जाते है। इनके शरीर का आधा भाग सिंह का...