सूर्य अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र || Surya Ashtottara Shatnam Stotra
यहाँ भगवान श्री सूर्यनारायण से शुभ आशिष प्राप्त करने व नित्य पाठ के निमित्त नरसिंहपुराण में वर्णित विश्वकर्मकृत सूर्याष्टोत्तरशतनामस्तोत्रं व...
यहाँ भगवान श्री सूर्यनारायण से शुभ आशिष प्राप्त करने व नित्य पाठ के निमित्त नरसिंहपुराण में वर्णित विश्वकर्मकृत सूर्याष्टोत्तरशतनामस्तोत्रं व...
“आदित्य हृदय स्तोत्र” को वाल्मीकि रामायण के युद्धकाण्ड में १०५ वें सर्ग दिया दिया गया है। इसे अगस्त्य ऋषि द्वारा...
चन्द्रस्तोत्रम्- चन्द्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है। यह सौर मंडल का पाँचवां,सबसे विशाल प्राकृतिक उपग्रह है। इसका आकार क्रिकेट...
सोम अर्थात् चंद्रमा की उत्पत्ति का यह स्तोत्र सोमोत्पत्तिस्तोत्रम् को याजुर्वैदिकी पारमात्मिकोपनिषदन्तर्गत से लिया गया है। वैज्ञानिक सिद्धांत-चंद्रमा की उत्पत्ति...
चन्द्र देव के इस चन्द्राष्टाविंशतिनामस्तोत्रम् अर्थात् २८ नाम के जाप से चन्द्र से सम्बंधित कष्टों का निवारण होता है और...
भौममङ्गलस्तोत्रम् - मंगल ग्रह सौरमंडल में सूर्य से चौथा ग्रह है। इसके तल की आभा रक्तिम है, जिस वजह से...
बुधपञ्चविंशतिनामस्तोत्रम्- चंद्रमा के गुरु थे देवगुरु बृहस्पति। बृहस्पति की पत्नी तारा चंद्रमा की सुंदरता पर मोहित होकर उनसे प्रेम करने...
श्रीबुधाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम्- बुध (Mercury), सौरमंडल के आठ ग्रहों में सबसे छोटा और सूर्य का सबसे निकटतम ग्रह है। इसका परिक्रमण काल...
'मृत्युंजय' शब्द का सामान्य अर्थ मृत्यु पर विजय प्राप्त करना होता है। किसी प्राणी का अमर होना तो असंभव है,...
श्री शनिस्तोत्रम् जातकों के हर प्रकार के कष्टों को दूर करने वाला है। यह स्तोत्र मानसिक अशांति, पारिवारिक कलह व...
शनि सभी ग्रहों से दूर रहकर तुला राशि को अपना उच्च आसन बनाकर, धर्म-अधर्म को न्याय के तराजू में तौलकर...
नवग्रहों के कक्ष क्रम में शनि सूर्य से सर्वाधिक दूरी पर अट्ठासी करोड, इकसठ लाख मील दूर है।पृथ्वी से शनि...