नवग्रह स्तोत्रम् || Navagraha Stotram आधारे प्रथमे सहस्रकिरणं ताराधवं स्वाश्रये
ज्योतिष के अनुसार हमारे अंतरिक्ष में फैले सौर मण्डल के 9 ग्रहों का धरती पर स्थित सभी प्राणियों, यहां तक...
ज्योतिष के अनुसार हमारे अंतरिक्ष में फैले सौर मण्डल के 9 ग्रहों का धरती पर स्थित सभी प्राणियों, यहां तक...
श्रीकुलकुण्डलीकवचस्तोत्रम् अथवा कन्दवासिनीकवचम् श्रीरुद्रयामल उत्तरतन्त्र के सिद्धिविद्याप्रकरण अंतर्गत भैरवीभैरवसंवाद के रूप में दिया गया है। इसका पाठ करने से रोगी...
श्रीरुद्रयामलतन्त्र में अघोरेश्वर भगवान शिव को समर्पित अघोरस्तोत्रम् जिसे की अघोरमूर्तिस्तोत्रम् के नाम से भी जाता है, भैरव भैरवी संवाद...
इससे पूर्व श्रीरुद्रयामलतन्त्र भैरव भैरवी संवाद के रूप में अघोरस्तोत्रम् व अघोरकवच आपने पढ़ा अब समस्त मनोकामनाओं को सिद्ध करने...
भगवान शिव का अर्धनारीश्वररूप जगत्पिता और जगन्माता के सम्बन्ध को दर्शाता है। सत्-चित् और आनन्द-ईश्वर के तीन रूप हैं। इनमें...
शिव और शक्ति एक-दूसरे से उसी प्रकार अभिन्न हैं, जिस प्रकार सूर्य और उसका प्रकाश, अग्नि और उसका ताप तथा...
काली प्रत्यंगिरा स्तोत्र की रचना महर्षि अंगिरा द्वारा की गयी थी तथा इसमें शत्रुओं का जड़-मूल से नाश करने की...
इस श्रीजगन्नाथ सहस्रनाम स्तोत्रम् के पाठ करने से विद्यार्थी को विद्या, योगार्थी को योग,कन्यार्थी को कन्या, जयार्थी को जय,कामार्थी को...
श्री जगन्नाथ स्तोत्र - जगन्नाथ, सुभद्रा, बळभद्र एवं सुदर्शन चक्र भगवान रत्नसिम्हसन के उपर्, ओडिशा राज्य के नयागढ शहर मे...
मनसा स्तोत्र मनसा देवी को भगवान शिव और माता पार्वती की पुत्री हैं । इनका प्रादुर्भाव मस्तक से हुआ है...
हिन्दू धर्म में पुराणों के अनुसार शिवजी जहाँ-जहाँ स्वयं प्रगट हुए उन बारह स्थानों पर स्थित शिवलिंगों को ज्योतिर्लिंगों के...
लिंगाष्टक स्तोत्रम् के विषय में शास्त्रों के ऐसा वर्णन मिलता है कि जो मनुष्य इसका श्रवण करता है उसे हर...