भारत की पहली महिला जिसने जीता वाइल्ड लाइफ फाेटोग्राफर ऑफ द ईयर का ख़िताब उम्र के ११ वे वर्ष से था लगाव
आइये आज हम आपको एक ऐसी शख्सियत से रूबरू कराते है जिन्होंने अपनी छोटी सी ही उम्र में ही अपना मुकाम पा लिया और बन गयी भरत की पहली वाइल्ड लाइफ फाेटोग्राफर ऑफ द ईयर ख़िताब विजेता जी इनका नाम है ऐश्वर्या श्रीधर जिनकी उम्र है मात्र २३ वर्ष है और निवास स्थान महाराष्ट्र के नवी मुंबई में स्थित है इन्हे इस चीज पर लगाव उम्र के ११ वर्ष से था शायद यह लाइन इन्हे के लिए बनी है की जित का जूनून उम्र की मोहताज नहीं होती इसी शब्द से प्रेरणा लेते हुए ऐश्वर्या श्रीधर जी ने अपने संकल्प को आगे बढ़ाया हलाकि की ऐश्वर्या श्रीधर जी को इसके पहले भी बहुत सारे ख़िताब मिल चुके है जैसे की ऐश्वर्या को सेंक्चुरी एशिया यंग नैचुरेलिस्ट अवॉर्ड और इंटरनेशनल कैमरा फेयर अवॉर्ड भी मिल चूका है
ऐश्वर्या श्रीधर जी महिलाओं से कहना चाहती हैं कि एक महिला होने के नाते अपने सपनों और पैशन को पूरा करने से कभी पीछे न हटें यह उन लोगो के लिए प्रेरणा है जो अपने लक्ष्य को तो प्राप्त करना चाहते है लेकिन उनके अंदर दृढनिश्चय नहीं होत्ता उनका कहना है की जब आप पूरी इच्छाशक्ति के साथ जिंदगी में परेशानियों का सामना करते है तो हर काम आसान हो जाता है यह उन छात्रों के लिए स्वर्णिम वाक्य है जो परीछा में असफल होने पर आत्महत्या कर लेते है आइये यह कुछ आकड़े देखते है राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने देशभर में वर्ष 2019 में हुई आत्महत्याओं के आंकड़े जारी किए. इनके मुताबिक भारत में 2019 में कुल 1,39,123 लोगों ने आत्महत्या की. यानि देश में हर रोज करीब 381 लोगों ने अपने हाथ से अपनी जिंदगी खत्म कर ली शायद इन्हे महाराण ा प्रताप , गुरुगोविंद सिंह , भगत सिंह जी के बारे में पढ़ना चाहिए की इन्होने इतनी विषम परिस्थियों में भी रहते हुए आत्महत्या जैसी कायरता पूर्ण निर्णय लेने से बढ़िया एक योद्धा की तरह लड़ना पसंद किया
ऐश्वर्या श्रीधर नवी मुंबई में रहती हैं। वे वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर के अलावा वाइल्डलाइफ प्रजेंटेटर और डॉक्यूमेंट्री फिल्ममेकर भी हैं। 23 साल की ऐश्वर्या को 2020 वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर ऑफ द ईयर अवॉर्ड दिया गया है। वो यह पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय लड़की हैं।
‘लाइट्स ऑफ पैशन’ टाइटल वाली उनकी फोटो ने दुनिया भर के 80 से अधिक देशों की 50,000 एंट्रीज में पहली पोजिशन हासिल की। ऐश्वर्या ने बिहेवियर इनवर्टेब्रेट्स कैटेगरी में यह पुरस्कार जीता।
ऐश्वर्या अपने करिअर, रोल मॉडल और इस क्षेत्र में आने वाली लड़कियों के लिए क्या कहती हैं, जानिए उन्हीं की जुबानी:
‘मुझे बचपन से वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी का शौक था। मेरे डैडी बॉम्बे नैचुरल हिस्ट्री सोसायटी के मेंबर हैं। उनके साथ मैं कई जगह जाती थी। तभी मुझे ये शौक लगा। जब मुझे डैडी ने मेरे बर्थडे पर पहला कैमरा गिफ्ट किया तो मैंने छोटी-छोटी चीजों की फोटोग्राफी करनी शुरू की। ग्रेजुएशन के बाद मैं वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर बनी।’
ऐश्वर्या जी कहती है की ”जंगल में फोटोग्राफी के दौरान मुझे डर नहीं लगता। लेकिन, कई बार पत्तों के नीचे या घने जंगलों में सांप छिपे होते हैं। तभी मुझे डर लगता है। वरना मैं किसी जानवर से नहीं डरती। मैं अपने इस काम से बहुत प्यार करती हूं। यही मेरा पैशन है। जिस इमेज के लिए मुझे अवॉर्ड मिला, वो मैंने पिछले साल जून में खींची थी। मैंने एक पेड़ देखा जो ढेर सारे जुगनुओं से भरा था। ये देखकर मुझे ऐसा लगा, जैसे सितारे जमीन पर उतर आए हैं। तब मैंने ये फोटो लिया।”उन्होंने कहा की इस काम की शुरुआत के लिए आप सबसे पहले किसी ट्रेनी या किसी कॉलेज, इंस्टीट्यूट से फोटोग्राफी सीखिए।”
उन्होंने कहा, “वैसे तो जंगलों में प्रकृति के बीच रहना मुझे बहुत अच्छा लगता है। लेकिन, यहीं से मैंने जीवन के कई सबक भी सीखे। एक बार मैं जंगल में पक्षियों की फोटो ले रही थी। मैं इतनी खो गई थी कि पता ही नहीं चला कि जहां खड़ी हूं, वहां दलदल है। फोटो लेने के बाद मैं कदम भी नहीं चल पा रही थी। उस वक्त मैंने ये सीखा कि फोटाेग्राफी के साथ ही आसपास के माहौल का ध्यान रखना भी जरूरी है ताकि सुरक्षित रह सकें। जीवन में धैर्य रखना भी जरूरी है। जब आप अपनी इच्छाओं के बारे में कम सोचते हैं, तो जीवन सबसे अच्छा होता है।”
ऐश्वर्या श्रीधर जी महाराष्ट्र की नवी मुंबई से है उन्होंने छत्रपति शिवाजी महराज के जीवन गाथा से प्रेणरा लेकर अपने जीवन में अपनी सफलता को छोटी सी उम्र में पा लिया जिस तरह शिवाजी महाराज ने माँ जीजाबाई से प्रेरणा लेकर १५ वर्ष की उम्र में आदिलशाही को धूल चटाई थी ठीक उसी तरह ऐश्वर्य श्रीधर जी ने अपने पिता जी से प्रेरणा लेकर फोटोग्राफी के प्रति अपनी दिलचस्पी बढ़ाई और जंगलो में साँप ,जानवरो और विषम परिरिस्थितयो में रहते अपने लक्ष्य को प्राप्त किया ऐसी महिला देश के लिए राष्ट्र नाईका है इनके जज्बे को सनातन की ओर से सलाम