गोमुखासन योग के 17 फायदे विधि और सावधानी-17 Benefits of Gomukhasana(Cow Oose) Yoga Method And Precautions

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गोमुखासन योग को (cow pose) नाम से भी जाना जाता है। इस आसन को करते समय शारीरिक आकृति या मुद्रा गाय के मुख के समान दिखाई देती है। गोमुखासन 3 शब्दों से मिलकर बना है, गौ अर्थात गाय, मुख अर्थात मुंह ,आसन अर्थात मुद्रा।

 इन तीनों के मेल से गोमुखासन योग का निर्माण हुआ। गोमुखासन योग तनाव, चिंता, थकान को दूर करने के साथ-साथ फेफड़ों को मजबूती प्रदान करने का काम करता है। इस आसन को करने की विधि बहुत ही सरल है।खासकर महिलाओं के लिए यह एक उपयोगी आसान है।

वैसे तो इस आसन को करने से सभी को समान लाभ प्राप्त होते हैं ।लेकिन महिलाओं के लिए यह एक सरल आसान है। इस लेख में हम विस्तारपूर्वक गोमुखासन योग के फायदे के बारे में ,गोमुखासन करने की विधि और सावधानी को विस्तार पूर्वक जानेंगे ।

तो आइए सबसे पहले जानते हैं कि इस आसन को करने से कौन-कौन से फायदे मिलते हैं।

गोमुखासन योग के फायदे– Benefits of Gomukhasana (Cow Pose) in Hindi

1-फेफड़ों को मजबूत करने के लिए

फेफड़ों को मजबूत करने के लिए या एक अच्छा योगाभ्यास है। स्वसन से संबंधित रोगों में गोमुखासन योग अहम भूमिका निभाता है। यह योगासन छाती को मजबूत कर के फेफड़ों को मजबूती प्रदान करता है, व समस्त प्रकार के स्वशन से संबंधित रोग  को दूर करने में सफल योग है।अस्थमा के रोगी यदि नियमित रूप से गोमुखासन का प्रयोग करते हैं, तो उनको आराम महसूस होने लगता है।

2-हाथों को मजबूत करने के लिए

इस आसन के अभ्यास से हाथों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं साथ-साथ पीठ की भी पेशियों को मजबूत करने का कार्य इस आसन को करने से होता है।

3-कमर और कूल्हे के दर्द में आराम

इस आसन के नियमित अभ्यास से कमर दर्द , कूल्हों के दर्द से परेशान व्यक्तियों को लाभ मिलता है।

4-रीढ़ की हड्डी को मजबूत करने के लिए

गोमुखासन करते समय रीड की हड्डी में एक तरह का खिंचाव होता है, जिससे इस आसन के अभ्यास से रीढ़ की हड्डी मजबूत बनती है।

5-बवासीर रोग में लाभदायक

जिन लोगों को बवासीर या पाइल्स की समस्या है उनके लिए यह आसन करना काफी आवश्यक हो जाता है। क्योंकि इस आसन के अभ्यास से बवासीर की समस्या को कम करने में काफी सहायता मिलती है।

6-गर्दन और कंधों की जकड़न को दूर करने के लिए

गर्दन और कंधे की जकड़न होने पर अधिक परेशानी होती है। जिसको सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस कहते हैं। इस आसन के अभ्यास से इस प्रकार की समस्याओं से राहत मिलती है।

7-लैंगिक परेशानियों को दूर करने में

इस आसन के नियमित अभ्यास से लैंगिक परेशानियां दूर होती हैं, और महिलाओं के लिए यह आसन काफी कारगर आसान है।

8-गोमुखासन के अभ्यास से कमर एवं कूल्हों के दर्द में काफी लाभ प्राप्त होता है।

9-बढ़ते हुए वजन को कम करने के लिए या एक उपयोगी आसन है इस आसन के अभ्यास से बढ़ते हुए वजन को कम किया जा सकता है।

10-मधुमेह के रोगियों के लिए यह आसन लाभदायक हो जाता है। क्योंकि इस आसन को करने से मधुमेह की समस्या में लाभ मिलता है।

11-महिलाओं के सौंदर्य को यह आसन बढ़ाने का कार्य करता है।

12-अपच की समस्या होने पर इस आसन को करने से लाभ मिलता है।

13-कब्ज की समस्या होने पर इस आसन को करने से लाभ मिलता है।

14-धातु रोग की समस्या होने पर इस आसन को करने से लाभ मिलता है।

15-गठिया के रोगियों के लिए यह आसन लाभदायक है।

16-मन को शांत और एकाग्र चित्त करना है तो इस आसन का अभ्यास करना चाहिए।

17-इस आसन को करने से गुर्दों की सक्रियता बढ़ती है और लंबी आयु में शुगर को दूर करने में यह आसन उपयोगी है।

गोमुखासन करने की विधि– Method of Gomukhasana(Cow Pose) in Hindi

1-गोमुखासन योग को करने से बहुत से लाभ प्राप्त होते हैं ,जिनके बारे में हम उपरोक्त जान चुके हैं ।लेकिन यह लाभ तभी प्राप्त होता है जब इस आसन को सही तरीके से किया जाए ,तो आइए जानते हैं कि इस आसन को करने के लिए किन-किन स्टेप को फॉलो करना होगा।

2-सबसे पहले इस आसन को करने के लिए खुली हवादार स्थान पर चटाई बिछाकर सुखासन या क्रास पैर वाली मुद्रा में बैठे।

3-फिर अपने बाएं पैर को अपने शरीर की ओर खींच कर उसे अपने पास ले आए।

4-इसके बाद अपने दाएं पैर को बाएं पैर की जांघों के ऊपर रखें, और उसे भी खींच कर अपने शरीर के पास ले आए।

5-अब आगे आपको दाएं हाथ को कंधे के ऊपर करके और कोहनी के यहां से मोड़ के अपनी पीठ के पीछे जितना अधिक हो सकता है ले जाएं।

6-इसके बाद अपने बाएं हाथ को भी कोहनी के यहां से मोड़ें और पेट के साइड से पीछे की ओर पीठ पर लेकर जाएं।

7-अब दोनों हाथों को खींचकर आपस में मिलाने का प्रयास करें और पीठ के पीछे हाथों को एक दूसरे से पकड़ ले।

8-अब आप अपनी सुविधा अनुसार जितने समय तक इस स्थिति में रुक सके अपने आप को रोकने का प्रयास करें। कम से कम 10 से 12 बार सांस ले।

9-यदि आपको इस स्थिति में बैठने में कठिनाई महसूस होने लगे तो पुनः अपनी प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाए।

गोमुखासन करते समय सावधानी– Precautions of Gomukhasana(Cow Pose) in Hindi

1-इस आसन को करते समय जब आप अपने दोनों हाथों को पीठ के पीछे पकड़ने का प्रयास करते हैं तो इसमें किसी प्रकार की जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए।

2-जिनको रीड की हड्डी में किसी प्रकार की कठिनाई है या दर्द महसूस हो रहा है तो वह लोग इस आसन का प्रयोग ना करें।

3-यदि घुटने ,कंधे और कमर में अधिक दर्द है ,तो इस आसन का अभ्यास न करें।

4-बवासीर के रोगियों के लिए यह आसन लाभकारी है लेकिन यदि उनको खून आ रहा है तो वह लोग इस आसन का अभ्यास न करें।

5-वैसे तो यह आसन महिलाओं के लिए लाभकारी आसान है लेकिन गर्भवती महिलाओं को इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।

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