सुप्त बद्ध कोणासन करने की विधि ,फायदे और सावधानियां Steps Benefits and Precautions of Doing Supta Baddha Konasana in Hindi

0

इस संसार के समस्त लोग स्वस्थ रहना चाहते हैं ,प्रसन्न रहना चाहते हैं ,व अपने आप को चुस्त-दुरुस्त रखना चाहते। इसी सोच को सार्थक करने के लिए महान योगियों के द्वारा रिसर्च की गई कि व्यक्ति कैसे सुखी रह सकता है, स्वस्थ रह सकता है, और सुख पूर्वक अपना जीवन व्यतीत कर सकता है।

 हमारे महान ऋषियों ने योग ग्रंथ की रचना की और मानव जीवन के कल्याण के लिए व प्रत्येक अंग को फिट रखने के लिए अष्टांग योग कला विकसित की गई।विभिन्न प्रकार के योगासन विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाव करने में सहायक होते हैं। उन्ही योगासन की श्रेणी में सुप्त बद्ध कोणासन की भी रचना की गई।

इस लेख में हम जानेंगे कि सुप्त बद्ध कोणासन क्या है? इसे करने का तरीका क्या है? और इस आसन को करने में कौन कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए।

सुप्त बद्ध कोणासन करने की विधि ,फायदे और सावधानियां- Steps Benefits And Precautions of Doing Supta Baddha Konasana in Hindi

सुप्त बद्ध कोणासन क्या है?- What is Supta Baddha Konasana

सुप्त बद्ध कोणासन मैं 4 शब्दों का प्रयोग हुआ है सुप्त अर्थात लेटना, बद्ध अर्थात बंधा हुआ, कोण अर्थात मोड़ना ,आसन अर्थात स्थिति । सुप्त बद्ध कोणासन करने से शरीर में एक नई ऊर्जा का संचार होता है।

यह हमारे नर्वस सिस्टम को मेंटेन करता है। यह आसन सरल आसन की श्रेणी में आता है । बद्ध कोड़ासन करने के बाद के बाद इस आसन को करना चाहिए। आइए जानते हैं कि इस आसन को करने की विधि क्या है और कैसे करें।

सुप्त बद्ध कोणासन करने की विधि- Steps of Supta Baddha Konasana

1- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले आप सामान्य रूप से बैठ जाएं।

2- फिर एक तकिया को अपने कूल्हों के पीछे रख ले।

3- अब उसी तकिया के ऊपर लेट जाएं।

4- अब दोनों पैरों को हल्का मोड़कर दोनों पैर के तलवो को आपस में मिलाते हुए दोनों पैरो की जांघो को बाहर की तरफ दबाव दे।

5- अब दोनों हाथो को फैलाते हुए हथेलियां ऊपर की तरफ करें।

6- अब गहरी श्वास खींचने और छोड़ने का प्रयास करें।

7- पुनः पैरों को सामान्य स्थिति में लाते हुए बाई करवट की तरफ से प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।

सुप्त बद्ध कोणासन के फायदे-benefits of supta baddha konasana

1- सप्त बद्ध कोणासन करते समय जांघो को फैलाना होता है। इस फैलाव के कारण जांघों की मांसपेशियों पर खिंचाव पड़ता है। इसी खिंचाव के कारण मांसपेशियां मजबूत बनती हैं।

2- इस आसन को करते समय कमर की मांसपेशियों में भी खिंचाव होता है जिससे कमर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।

3- इस आसन को करने से पेट के निचले हिस्से में जमी हुई अतिरिक्त चर्बी दूर होती है।

4- इस आसन को भोजन करने के बाद भी किया जा सकता है।

5- महिलाओं के लिए यह एक विशेष उपयोगी आसन है।

6- इस आसन को करने से मांसपेशियों में खिंचाव होता है जिसकी वजह से लटकती हुई व ढीली पड़ गई मांसपेशियों में कसाव पैदा होता है।

7- जिन महिलाओं को गर्भाशय खिसकने या बहुमूत्र की शिकायत होती है उनके लिए यह आसन वरदान स्वरुप है।

8- इस आसन को करने से महिलाओं में मासिक के समय दर्द की समस्या दूर होती है।

9- इस आसन को करने से मन एकाग्र होता है व ध्यान लगाना सुनिश्चित होता है।

10- सुप्त बद्ध कोणासन का अभ्यास करने से जाघ ,कमर की हड्डियों में लचीलापन आता है।

11- जिन व्यक्तियों को अच्छी नींद नहीं आती है या अनिद्रा की शिकायत होती है ।उनके लिए यह आसन उत्तम आसन है ,इस आसन को करने से अच्छी नींद आने लगती है वअनिद्रा दूर होती है।

12- पेट की बीमारी जैसे कब्ज ,अपच आदि को दूर करना इस आसन का कार्य है।

13- इस आसन को नियमित रूप से करने से ब्लड प्रेशर संबंधी दिक्कत दूर होती है        व ब्लड प्रेशर सामान्य होता है।

14- इस आसन के अभ्यास से बवासीर की बीमारी भी दूर होती है।

15- कमर दर्द ,हर्निया ,माइग्रेन के लिए भी यह उपयोगी आसन है।

16- इस आसन को करने से हड्डियों में लचीलापन आता है जिसके फलस्वरूप हड्डियां मजबूत होती हैं और जरा सी चोट लगने से इनकी सुरक्षा होती है।

सुप्त बद्ध कोणासन कब करना चाहिए और कितने समय तक करना चाहिए।

1- इस आसन का अभ्यास सुबह के समय किया जाए तो  बेहतर परिणाम मिलते हैं।

2- यदि शाम को इस आसन को करें तो भोजन करने के कम से कम 4 से 5 घंटे बाद करना चाहिए।

3- योगासन करते समय पेट खाली होना चाहिए तभी योगासन करना चाहिए।

सुप्त बद्ध कोणासन करते समय सावधानियां- Precautions of Doing Supta Baddha Konasana

1- घुटने में दर्द होने पर इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए

2- कमर में दर्द होने पर इस आसन का अभ्यास न करें।

3- हाई ब्लड प्रेशर व ह्रदय के मरीजों को इस आसन को नहीं करना चाहिए

4- रीड की हड्डी, गर्दन में दर्द होने पर भी इस आसन को न करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *