श्रीमद्भागवत पूजन विधि – Shri Mad Bhagavat Pujan Vidhi
श्रीमद्भागवत पूजन विधि- वक्ता प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व ही स्नानादि करके संक्षेप से सन्ध्या-वन्दनादि का नियम पूरा कर ले और...
श्रीमद्भागवत पूजन विधि- वक्ता प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व ही स्नानादि करके संक्षेप से सन्ध्या-वन्दनादि का नियम पूरा कर ले और...
जो मनुष्य पृथ्वीपति सूरि के बनाये हुए इस अद्भुत पशुपति-अष्टक का सदा पाठ और श्रवण करता है, वह शिवपुरी में...
मुण्डमालातन्त्र (रसिक मोहन विरचित द्वितीय पटल) पटल ८ में ध्यान, कुम्भक, प्राणायाम, कुल्लुका, सेतु के बिना, हस्त के बिना, हंस...
रुद्रयामल तंत्र पटल १५ में आज्ञाचक्र का ही विस्तार से माहात्म्य वर्णित है ब्रह्मस्तोत्र, ब्रह्मविद्या, ब्रह्मज्ञानी के लक्षण, ब्रह्ममार्गस्थो का...
देव्या आरात्रिकम् – देवि की आरती है जिसमें देवी से प्रार्थना की गई है कि हे मनोहर रूपवाली देवि माँ!...
ब्रह्मदेवकृत इस ब्रह्मज्ञानविधायक आद्य स्तोत्र अथवा श्रीरामस्तुती का श्रद्धापूर्वक पाठ करने से सभी इच्छित कामनाओं की पूर्ति होती है ।...
जो पुरुष इस जटायु कृत इस श्रीराम स्तोत्र को एकाग्रचित्त से सुनता, लिखता अथवा पढ़ता है, उसका सदा कल्याण होता...
श्रीमदध्यात्मरामायण के युद्धकाण्ड में वर्णित इन्द्रकृत यह श्रीराम स्तोत्र दुःखसमूह का नाश करने वाला और सब प्रकार आनन्द देनेवाले है।...
भगवान् राम और माता सीता के इस श्रीसीतारामाष्टक का जो पाठ करता है उनके सारे अनिष्टों का नाश हो जाता...
जामातामुनि कृत इस श्रीराममङ्गलाशासन का जो साधक नित्य पाठ करता है उनके जीवन में सब मंगल-ही मंगल होता है। ||...
रुद्रयामल तंत्र पटल १६ में आज्ञाचक्र का भुवन करण सामर्थ्यं वर्णित है। वहाँ पर अधोमण्डलमण्डित द्विबिन्दुनिलय के द्विदल स्थान में...
मुण्डमालातन्त्र (रसिक मोहन विरचित तृतीय पटल) पटल ९ में दुर्गामार्ग के विषय में कहा गया है। || मुण्डमालातन्त्रम् (रसिक मोहन...