Month: October 2022

कंकालमालिनीतन्त्र पंचम पटल – Kankaal Malini Tantra Pancham Patal

कंकालमालिनीतन्त्र पंचम पटल महाकाली के अनन्य साधकों के लिये हितकारी है। इसमें पुरश्चरण विधान, प्रातः कृत्य, स्नान, सन्ध्या, तर्पण, गणपति,...

दीनबन्ध्वष्टक – Dinabandhvashtak ( यस्मादिदं जगदुदेति चतुर्मुखाद्यं यस्मिन्नवस्थितमशेषमशेषमूले )

जो लोग ब्रह्मानन्द के कहे हुए इस दीनबन्ध्वष्टक नामक पवित्र स्तोत्र का नित्य पाठ करते हैं उनके ऊपर दीनबन्धु भगवान्...

कमलापत्यष्टक – Kamalapatyashtak ( भुजगतल्पगतं घनसुन्दरं गरुडवाहनमम्बुजलोचनम् )

श्रीमत्परमहंसस्वामिब्रह्मानन्द द्वारा विरचित श्रीकमलापत्यष्टक जरा, जन्म और मरणादि के भय को दूर करनेवाला और भगवान् विष्णु के परमधाम को प्राप्त...

परमेश्वरस्तुतिसारस्तोत्र – Parameshvar Stuti Saar Stotra

इस परमेश्वरस्तुतिसारस्तोत्र का गुणगान करने से मनुष्य योगिजनों के प्राप्त होने योग्य परमगति को प्राप्त कर लेता है। || परमेश्वरस्तुतिसारस्तोत्रम्...

जानकी स्तोत्र – Janaki Stotra ( नीलनीरज-दलायतेक्षणां लक्ष्मणाग्रज-भुजावलम्बिनीम् )

मान्यता है कि जो व्यक्ति प्रतिदिन प्रभु श्रीराम एवं माता सीता का विधि-विधान से पूजन करता है, उसे १६ महान...

जानकी अष्टोत्तरशतनामस्तोत्र – Janaki Ashtottar Shatanaam Stotra

श्रीजानकीजी के सहस्र (१०००) नाम श्रवणपूर्वक उनके अष्टोत्तरशत (१०८) नाम तथा द्वादश (१२) नामों या स्तोत्र को श्रवण करके श्रीमिथिलेशजी...

श्रीलक्ष्मीनृसिंहस्तोत्र – Shri Laxmi Nrisingh Stotra

श्रीमच्छङ्कराचार्यकृत इस स्तोत्र को श्रीलक्ष्मीनृसिंहस्तोत्र अथवा श्रीलक्ष्मीनृसिंहकरुणारस अथवा करावलम्बस्तोत्र भी कहा जाता है । इस स्तोत्र में भगवान् श्रीलक्ष्मीनृसिंह से...

शालिग्राम पूजन विधि – Shaligram Pujan Vidhi

शालिग्राम-पूजन विधि- शालिग्राम तथा प्रतिष्ठित मूर्तियों में आवाहन न करें, केवल पुष्प छोड़े। शालिग्राम-पूजन विधि आवाहन- ॐ सहस्रशीर्षा पुरुषः सहस्राक्षः...