मंगलम् – Mangalam ( स जयति सिन्धुरवदनो देवो यत्पादपङ्कजस्मरणम् )
नित्य प्रातःकाल इस मंगलम् स्तोत्र का पाठ करने से सदा मंगल अर्थात् शुभ फल की प्राप्ति होता है । ||...
नित्य प्रातःकाल इस मंगलम् स्तोत्र का पाठ करने से सदा मंगल अर्थात् शुभ फल की प्राप्ति होता है । ||...
प्रतिदिन सायं-प्रातः एवं मध्याह्न के समय श्रीविष्णोरष्टाविंशतिनाम स्तोत्र का स्मरणपूर्वक जप करनेवाला पुरुष सम्पूर्ण पापों से मुक्त हो जाता है...
गीतगोविन्द जयदेव की काव्य रचना है। गीत गोविन्द में श्रीकृष्ण की गोपिकाओं के साथ रासलीला, राधाविषाद वर्णन, कृष्ण के लिए...
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मुण्डमालातन्त्र (रसिक मोहन विरचित) पटल ६ के श्लोक २०२-२१० में वर्णित इस मोहनकारी दुर्गा कवच का श्रवण अथवा पाठ करने...
मुण्डमालातन्त्र (रसिक मोहन विरचित प्रथम पटल) पटल ७ में परमा विद्या के विषय में कहा गया है। || मुण्डमालातन्त्रम् (रसिक...
मुण्डमालातन्त्र (रसिक मोहन विरचित षष्ठ पटल) पटल १२ के भाग-१ में दुर्गाकवच, शरीरस्थ नाड़ी का वर्णन, पिण्ड पद एवं रूप...
मुण्डमालातन्त्र (रसिक मोहन विरचित षष्ठपटल) पटल १२ के भाग २ में शिवत्व-लाभ का उपाय, दुर्गा-नाम की महिमा का वर्णन, विद्या-सिद्धि...
रसिक मोहन विरचित मुण्डमालातन्त्र सप्तम पटल श्लोक ४२-५४ में वर्णित देवी कृत शिवस्तव के नित्य पाठ करने से उत्तम ज्ञान...
कविपति श्रीउमापतिजी की बालकाल में रचित इस अद्भुत वीरविंशति श्री हनुमत् स्तोत्र का नित्य पाठ करने से अत्यन्त दुःसह घोर...
इससे पूर्व आपने श्रीराधा सप्तशती अध्याय १ बरसाने में प्रवेश को पढ़ा, अब उससे आगे अध्याय २ में श्री राधा...
श्रीगीतगोविन्द के प्रथम सर्ग-सामोद-दामोदर के प्रथम सन्दर्भ-अष्टपदी में दशावतार स्तोत्र कीर्तिधवल का वर्णन हुआ है। इसके प्रथम प्रबन्ध के दश...