भगवान ने बताया अगर इसे नहीं जाना तो तुम्हारा जीवन बेकार
पिताहमस्य जगतो माता धाता पितामह:|
वेद्यं पवित्रमोङ्कार ऋक्साम यजुरेव च|| गीता 9/17||
अर्थ: मैं इस जगत का पिता, माता, पितामह और धाता हूं। मैं जानने योग्य, पवित्र ओंकार हूं। ऋग्वेद, सामवेद और यजुर्वेद भी मैं ही हूं।
व्याख्या: भगवान कह रहे हैं कि मुझे जानो कि मैं कौन हूं, और अपनी विभूतियां बताते हुए कहते हैं कि यह जो संपूर्ण जगत है, उसका पिता और माता दोनों मैं ही हूं, केवल पिता ही नहीं बल्कि पितामह भी मैं ही हूं। इस जगत को धारण करने वाला धाता भी मैं हूं।
मैं ही जानने योग्य पवित्र ओंकार हूं, असलियत में यह ओंकार परमात्मा से उत्पन्न नाद है, जिससे ब्रह्माण्ड का निर्माण हुआ और सभी गति इसी नाद से उत्पन्न हुई, योगी इसी ओम को तत्व से जानकर परमात्मा को पा लेते हैं। आगे भगवान कह रहे हैं कि इतना ही नहीं ऋग्वेद, सामवेद और यजुर्वेद भी मैं ही हूं।