गणेश द्वादश नाम स्तोत्र, Ganesha Dwadash Naam

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श्री पद्ममहापुराण के सृष्टिखण्ड में यह उत्तम

विघ्न का नाश करनेवाले गणपति के 12 नामो का वर्णन किया हुआ है |

इसका नित्य सुबह सिर्फ एक पाठ करने से सभी कार्य सफल हो जाते है |

सम्पूर्ण विश्व उसके वश में हो जाता है |

एवं किसी भी विघ्न का सामना नहीं करना पड़ता |

गणेश द्वादश नाम स्तोत्र एवं नामावली

ॐ गणपतिर्विघ्नराजो लंबतुण्डो गजाननः |

द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ||

विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः |

द्वादशैतानि नामानि प्रातरूत्थाय यः पठेत् ||

विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित् ||

( श्री पद्ममहापुराण\सृष्टिखण्ड )

गणपति

विघ्नराज

लंबतुण्ड

गजानन

द्वैमातुर

हेरम्ब

एकदन्त

गणाधिप

विनायक

चारुकर्ण

पशुपाल

भवात्मज

यह गणेशजी के बारह सर्वोत्तम नाम है |

जिनका प्रातःकाल स्मरण करने से सभी विघ्नो का नाश हो जाता है |

|| अस्तु ||

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