Kabir Biography Book Pdf Free Download || कबीरदास का जीवन परिचय

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भारतीय संत-कवियों में जितनाधिक सद्गुरु कबीर पर लिखा जा चुका है और लिखा जा रहा है, स्यात् उतना किसी अन्य संत-कवियों पर नहीं लिखा गया है ।

इसका कारण है कबीर की निष्पक्षता, दो टूक कहने का ढंग और बड़े-बड़े रहस्यात्मक गुत्थियों को सरल-सहज उपमाओं के द्वारा व्यक्त करने की शैली ।

साथ ही, जहाँ अन्य संत-कवि मानवता एवं शाश्वत सत्य की बातें कहते हुए भी किसी परंपरा से जुड़े रहकर किसी धर्मग्रंथ, ईश्वर-अवतार, पैगंबर आदि की बैसाखी पकड़े रहे, वहाँ कबीर सारी परंपराओं से हटकर सबके सार-तत्व को स्वीकार करते हुए “पक्षपात नहि बचन, सबहिं के हित” की बातें कहते रहे, वह भी सरे बाजार चौराहे पर खड़े होकर एक अकेला और निर्द्वन्द्व |

उनकी सत्यनिष्ठा एवं निष्पक्षता ने उनके व्यक्तित्व को ऐसा महनीय मोहक और चुम्बकीय बना दिया था कि जो उनके पास गया, उनका ही होकर रह गया ।

 

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