साईको एम्युनिटी कैसे बढ़ाए | मन की प्रतिरोधक छमता Man ki Pratirodhak Chhamta

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मन की प्रतिरोधक छमता को साईको इम्युनिटी कहते है जिसके द्वारा हमारा शरीर वह छमता प्राप्त कर लेता है कि वह कीटाणुओं विषाणुओं से मुक्त होकर रोग मुक्त बन जाता है मन द्वारा उत्पन्न मनो बिक्रतियो से लड़ने की प्रतिरक्षा प्रणाली को साईको इम्युनिटी कहते है

साईको इम्युनिटी कैसे बढाएं

जब हम अपने मन पर नियंत्रण रखकर मन की चंचलता को रोकते है तो मन  स्थिर हो जाता है अर्थात मन पर हमारा नियंत्रण हो जाता है मन एवं मन की वृत्तियाँ शांत हो जाती हैं जिससे मन की छमता में असाधारण वृद्धी हो जाती है

व्यक्ति का मन एक महासागर की तरह होता है। जिसमें असंख्य  लहरें हिलोरें मारती रहती है।यदि यह हिलोरे शांत हो जाए तो मन बिल्कुल शांत हो जाएगा। यह लहरें जो मन में उठती हैं ए कुछ और नहीं यह हमारे विचारों की लहरें होती ,क्योंकि मन का कार्य ही विचार करना है ।

मन हमेशा विचारों से ही भरा रहता है। यह विचारों की तरंगे मन में उठना जब बंद हो जाता है तो मन  शांत चित्त और निर्मल बन जाता है। जो लोग विचारों पर अपनी बुद्धि और विवेक के अनुसार नियंत्रण कर लेते हैं उनका मन शांत हो जाता है।

 और उन्हें किसी प्रकार की चिंता, घबराहट, बेचैनी व्याकुलता नहीं होती। और जो विचारों पर नियंत्रण करना नहीं जानते हैं उनका मन अशांत बना रहता है। मन के 5 रहस्य हैं सम्यक ज्ञान, मिथ्याज्ञान ,कल्पना, निद्रा और स्मृति इन रहस्यों के जान लेने के बाद मन शांत हो जाता है।

मन के पांच रहस्य है

  1 सम्यक ज्ञान

जो पदार्थ जैसा है उसके बारे में वैसा ही जानना ,उसके बारे में न कम जानकारी होना न अधिक और न ही विपरीत जानकारी रखना सम्यक ज्ञान है ।

  2 मिथ्याज्ञान

देखने और सुनने के आभाव में जो ज्ञान होता है उसे मिथ्या ज्ञान कहा जाता है ।जैसे अँधेरे में रस्सी को देखकर सांप समझना 

  3 कल्पना

जब हमारे सामने कोई उपस्थित न हो और हम उसके प्रति जो विचार करते है उसे कल्पना कहते है । यह हमको अपने पिछले अनुभव को किसी ऐसे वस्तु का निर्माण करने में सहायता देती है जो कभी पहले थी ही नहीं ।

  4 निद्रा 

निद्रा प्राणियों की वह अवस्था  होती है ,जिसमे चेतना की वृत्ति कुछ समय के लिए शांत हो जाती है जिससे शारीरिक व् मानशिक शान्ति प्राप्त होती है ।

 5 स्मृति

स्मरण रखने की शक्ति ,याददाश्त यह मन की वह शक्ति है जो किसी वस्तु ,व्यक्ति, स्थान, बात का बोध कराती है, धारणा पैदा करती है ।

इन रहस्यों को जान लेने के बाद हमारा मन विकार रहित हो जाता है विचारों से मुक्त हो जाता है इसकी छमता में चमत्कारिक व्रद्धी होने लगती है यह साईको इम्युनिटी  बढ़ने का परिचायक है

साईको इम्युनिटी बढ़ने के लाभ 

जब हमारे मन की चंचलता नस्ट हो जाती है तब हमारे मन में केवल सकारात्मक विचार ही आते हैं चिंता, बेचैनी, घबराहट, तनाव आदि नहीं रहते और हमारा शरीर पूर्ण निरोगी हो जाता है | विकार रहित भावना ही हमारे जीवन को सार्थक बनाती है|

मन की चंचलता को रोकना बड़ा कठिन कार्य है अर्थात मन को वश में करना श्वांस रोकने की भांति है लेकिन निरंतर प्रयास करके कठिन कार्य को भी सरल किया जा सकता है, और सुन्दर व स्वस्थ्य जीवन के पथ की ओर चल सकते हैं

जिसकी साईको इम्युनिटी बढ़ जाती है उसे अवसाद, चिंता, निराशा, हताशा आदि मनोविकार कभी परेशान  नहीं करते वह सुख शांत एवं स्थिर रहेगा जीवन की कठिन परिस्थितियों में भी वह मुस्कराता ही रहेगा जैसे जब संत ईसामसीह को क्रास पर जिन्दा ठोक दिया गया वह तब भी मुस्करा रहे थे

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