मत्स्यासन के फायदे विधि सावधानी Matsyasana (Fish Pose) Benefits in Hindi

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जैसा कि हम सभी जानते है कि प्रत्येक योगासन मानव शरीर के लिए उपयोगी है । हर आसन के अपने अपने गुण है।मत्स्यासन(fish pose) के बहुत सारे फायदे है।भगवान विष्णु ने भी मत्स्यावतार लेकर कल्याण किया था ।

उसी प्रकार यह आसन लाभकारी है।मत्स्यासन के फायदे और विधि जानने से पहले यह जान लेना जरूरी हो जाता है कि मत्स्यासन क्या है।

मत्स्यासन के फायदे विधि सावधानी- Matsyasana (Fish Pose) Benefits in Hindi

मत्स्यासन क्या है– What is Fish Pose Yoga

इस आसन को करते समय शारीरिक मुद्रा एक मछली की भाती होती है। इसीलिए इस आसन का नाम मत्स्यासन पड़ा। आसन को करने से शरीर स्वस्थ्य होता है। मन को बहुत सुकून प्राप्त होता है। यदि इस आसन को पानी में किया जाय तो मछली की तरह शरीर पानी पर तैरने लगता है।

मत्स्यासन के फायदे– Fish Pose Yoga Benefits

1- इस आसन के अभ्यास से खासकर गर्दन और सीने की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा होता है जिसके कारण गर्दन की मांसपेशियों और कंधे मजबूत हो जाते हैं इनमें जो थोड़ी बहुत परेशानी होती है वह दूर हो जाती है।

2- फेफड़ों को मजबूत करके स्वास से संबंधित समस्याओं को दूर कर स्वास लेने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने का कार्य यह आसन करता है।

3- यह एक स्ट्रैचिंग आसन है इस आसन को करते समय पीठ और कमर इन दोनों स्थानों पर खिंचाव उत्पन्न होता है जिसके कारण कमर दर्द की समस्या में भी आराम मिलता है।

4- गर्दन की मांसपेशियों को मजबूत बनाने का कार्य यह आसन करता है ।

5- पाचन तंत्र को भी बेहतर बनाता है, इस आसन को करते समय पाचन से संबंधित जितने भी अंग हैं उनमें भी खिंचाव उत्पन्न होता है और उनकी कार्यप्रणाली बेहतर हो जाती है।

6- इस आसन को करने से पैरा थायरॉयड,

 पीनियल, पिटिटयूरी आदि ग्रंथियों की कार्य प्रणाली बेहतर होती है।

7- मत्स्यासन करने से थायराइड में भी लाभ मिलता है।

8- इस आसन को करने से पेट की चर्बी कम होती है।

मत्स्यासन करने की विधि– Matsysana Steps

1- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले आपको पद्मासन में बैठना होगा।

2- फिर पीछे की ओर झुकते हुए पीठ के बल लेट जाएं। पीछे की ओर झुकते समय कोहनियों और हाथों का सहारा ले सकते हैं।

3- अब अपने बाएं पैर को दाहिने हाथ से पकड़े। और दाहिने पैर को बाएं हाथ से पकड़े।

4- इस स्थिति में आपकी कोहनिया जमीन पर टिकी होनी चाहिए।

5- और आपके घुटने धरती को स्पर्श करते हुए होने चाहिए।

6- स्वास को भरते हुए अपनी गर्दन को पीछे की ओर लंबा करने का प्रयास करें।

7- स्वास प्रस्वास की प्रक्रिया निरंतर करते रहें।

8- इस स्थिति में आप अपने आपको जितनी देर तक स्थिर रख सकते हैं रखें।

9- पुनः अपनी प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं।

10- इस अभ्यास को कम से कम चार पांच बार करें।

फिश पोज मत्स्यासन के बारे में विशेष

1- इस आसन को दोबारा करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है यदि आप एक बार भी कर लेते हैं तो भी ठीक है।

2- इस आसन को करते समय विशेषकर गर्दन ,नाभि ,कमर और सीने की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा होता है।

3- जिन स्थानों पर विशेष खींचाव होता है वहां इसका विशेष लाभ होता है।

मत्स्यासन का सरल रूप– Easy Fish Pose

सरल विधि से मत्स्यासन करने के लिए दंडासन में बैठ जाएं।

ऐसी स्थिति में पीछे की ओर लेट जाएं और अपने दोनों हाथों को अपने कूल्हों के नीचे रखें। गर्दन पीछे की ओर तनी हुई देखने की मुद्रा आकाश की तरफ।सीना ऊपर की ओर उठा हुआ सर जमीन से लगा हुआ हो आपकी पीठ जमीन पर ऐसी स्थिति में नहीं लगी होनी चाहिए।

सरल मत्स्यासन के लाभ– Easy Fish Pose Benefits

इस आसन को करने से पाचन शक्ति बढ़ती है पेट से संबंधित गैस ,कब्ज ,अम्लपित्त, एसिडिटी आदि विकार समाप्त हो जाते हैं।

मत्स्यासन करते समय सावधानियां

1- जिनके पेट में अल्सर कि समस्या हो कोई लोग इस आसन को न करें।

2- घुटनों के दर्द में भी ये आसन नहीं करना चाहिए।

3- कमर दर्द या रीढ़ की हड्डी में अधिक परेशानी होने पर भी इस आसन को नहीं करना चाहिए।

4- हर्निया के मरीजों को भी या आसन नहीं करना चाहिए।

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