मयूरासन करने के फायदे विधि और सावधानी Benefits of Mayurasana Yoga in Hindi

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शरीर को स्वस्थ रखने के लिए प्राचीन काल से ही योग का अभ्यास किया जा रहा है। योग एक ऐसी विधा है ,जिसके द्वारा व्यक्ति अपने शरीर को संपूर्ण स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकता है।

आवश्यकता है अपने जीवन में इसे अपनाने की। योग करने से शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य लाभ मिलता है। योग करने से व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ मिलता है साथ ही में वह अपने अंदर एक प्रकार की अच्छी एनर्जी को फील करता है।

योग में कई आसनों को सम्मिलित किया गया है उन्हीं में से एक आसन है मयूरासन जिसके बारे में आज हम इस लेख में जानेंगे कि मयूरासन कैसे किया जाता है इसके कौन-कौन से फायदे हैं और इस आसन को करने में किन सावधानियों को बरतना चाहिए।

मयूरासन क्या है

मयूरासन योग दो शब्दों से मिलकर बना है ,एक मयूर ,दूसरा आसन। मयूर अर्थात मोर, आसन अर्थात मुद्रा। इस आसन का अभ्यास करते समय शारीरिक आकृति एक मोर के समान होती हैं ,इसीलिए इस आसन का नाम मयूरासन है।मयूरासन योग पाचन तंत्र से जुड़ी हुई सभी समस्याओं को दूर करता है ।पाचन शक्ति को प्रबल करता है ।पेट में गैस ,कब्ज को दूर कर शरीर के अंदर जमा टॉक्सिंस को बाहर निकालता है।

 मयूरासन योग के फायदे

मयूरासन योग करने से बहुत से लाभ मिलते हैं नियमित रूप मयूर आसन का अभ्यास करने से मन सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण हो जाता है पाचन शक्ति प्रबल हो जाती है और अनेक तरह के स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं जिनके बारे में विस्तार पूर्वक  जाने।

1-पाचन शक्ति को मजबूत करने में

मयूरासन का अभ्यास करने से पाचन शक्ति प्रबल होती है, पेट से संबंधित सभी प्रकार के रोग कब्ज, गैस ,अम्ल पित्त आदि विकार दूर होते हैं।

2-शरीर को डिटॉक्स करने में

इस योग का अभ्यास करने से शरीर पूरी तरह से डिटॉक्स हो जाता है। पेट के अंदर जमा गंदगी निकल जाती है ,और संपूर्ण स्वास्थ्य लाभ मिलता है।

3-शरीर को लचीला बनाने के लिए

इस योग के अभ्यास से शरीर लचीला बनता है ।इसका अभ्यास करते समय शरीर का संपूर्ण भार हाथों पर होता है ,और शरीर बैलेंस होता है ।इस आसन का अभ्यास करने से हड्डियां लचीली और मजबूत बनती हैं।

4-चेहरे पर चमक लाने के लिए

इस आसन का अभ्यास करने से शरीर पूरी तरह से डिटॉक्स होता है ,जिससे चेहरे पर चमक आती है।

5-मधुमेह को दूर करने के लिए

इस आसन के नियमित अभ्यास से रक्त में सुगर की मात्रा का बैलेंस होता है। मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों के लिए यह आसन अत्यंत लाभकारी आसान है।

6-बवासीर के लिए उपयोगी

बाबासीर से पीड़ित व्यक्तियों के लिए यह आसन उपयोगी आसन है ,इसके अभ्यास से बवासीर की बीमारी दूर होती है।

7-महिलाओं के लिए उपयोगी आसन

महिलाएं यदि इस आसन का अभ्यास नियमित रूप से करें तो मासिक से संबंधित सभी प्रकार की समस्याएं दूर होती हैं।

पुरुषों के लिए भी यह आसन उपयोगी आसन है प्रजनन से जुड़ी समस्याएं दूर होती है।

8-त्वचा से संबंधित रोगों में फायदेमंद

इस आसन का अभ्यास करने से रक्त शुद्ध हो जाता है ,जिससे त्वचा संबंधी रोग कील ,मुंहासे, दाग ,धब्बे ,झाइयां और झुर्रियां दूर होती हैं ।चेहरे पर निखार आता है ।चेहरा सुंदर बनता है।

9-अन्य फायदे

मयूरासन के अभ्यास से शरीर के सभी आंतरिक अंग पैंक्रियाज, गुर्दा ,यकृत ,किडनी, लिवर की सक्रियता बढ़ जाती है जिससे संपूर्ण स्वास्थ्य लाभ प्रदान होता है अब आइए जानते हैं कि इसे कैसे करें।

मयूर आसन योग करने की विधि

योगासन करने से शरीर को कई तरह के स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं, लेकिन यदि इस आसन को सही तरीके से किया जाए तो बहुत ही जबरदस्त लाभ प्राप्त होते हैं ।तो आइए जानते हैं कि इस आसन को कैसे करें।

1-इस आसन का अभ्यास करने के लिए योगा मैट बिछा लें।

2-सबसे पहले जमीन पर घुटनों के बल बैठ जाएं।

3-अब पंजों को एक साथ रखते हुए घुटनों को एक दूसरे से अलग करें

4-अब सामने की ओर झुके और दोनों हथेलियों को घुटने के बीच जमीन पर इस तरह रखें कि उंगलियां पंजों की ओर रहे। अब अपने हाथों को व्यवस्थित कर ले।

5-कोहनियां और कंधों के आगे के भाग को एक साथ रखें।

6-कुछ और आगे झुके और पेट को कोहनियों पर टिकाए। छाती को हाथों के ऊपरी भाग पर रखें।

7-अब पैरों को पीछे की तरफ सीधे एक साथ फैलाएं।

8-शरीर की मांसपेशियों पर जोर डालते हुए धीरे-धीरे धड़ और पैरों को इस प्रकार उठाएं कि वह जमीन के समानांतर हो जाएं।

9-अपने सर को ऊपर की तरफ उठाएं।

10-पूरे शरीर के भार को हथेलियों पर संतुलित करें।

11-मांसपेशियों पर अधिक जोर लगाकर,पैरों को सीधा रखते हुए शारीरिक संतुलन को व्यवस्थित करते हुए अपने पैरों और पंजों को और अधिक ऊंचा उठाने का प्रयास करें।

12-अब शरीर का भार छाती पर ना डालते हुए पेट पर डालें।

13-कुछ समय तक इस स्थिति में रहे, पुनः धीरे-धीरे प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाएं।

14-अपनी सामर्थ्य अनुसार इस आसन को दोहराएं।

मयूर आसन  योग करते समय सावधानियां।

1-हृदय से संबंधित रोगी व हाई ब्लड प्रेशर वाले मरीज इस आसन का अभ्यास न करें।

2-गर्भवती महिलाओं को इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।

3-मयूर आसन का अभ्यास करते समय यदि शरीर में कहीं किसी प्रकार का कोई दर्द होने लगे तो इस आसन को तुरंत रोक देना चाहिए।

4-किसी बीमारी के कारण यदि शारीरिक दुर्बलता है कमजोरी है तो इस आसन का अभ्यास न करें।

मयूर आसन का अभ्यास कितनी देर तक करना चाहिए।

मयूर आसन का अभ्यास 15 से 20 मिनट तक करना चाहिए ।इस आसन के अभ्यास से पाचन संबंधित सभी प्रकार के विकार नष्ट होते हैं ।चेहरा सुंदर होता है।

मयूर आसन का अभ्यास कब किया जाना चाहिए

मयूर आसन का अभ्यास सुबह खाली पेट किया जाना चाहिए।

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