ओ३म् नाम का सुमिरन कर ले, कर दे भव से पार तुझे Om Name Ka Sumiran Ker Le Ker De Bhav Se Paar Tuje

भगवान् के भजन का, मेरा तार न छूट जाए
हर वक्त रहे ये ध्यान, सत्य विचार न छूट जाए
विषयों ने मुझे फंसाया, मैंने भारी धोखा खाया
मैं क्या कह कर के आया, ये इकरार छूट न जाए
विषयों के वशी होने से, वृथा आयु के खोने से
कभी इस तरह सोने से, ये संसार छूट न जाए
पापियों के वशी होने से, वृथा समय खोने से
कभी इसी तरह सोने से, जीने का आधार छूट न जाए
जीने का आधार छूट न जाए

ओ३म् नाम का सुमिरन कर ले,
कर दे भव से पार तुझे
कह लिया कितनी बार तुझे
ओ३म् नाम का
ओ३म् नाम का सुमिरन कर ले,
कर दे भव से पार तुझे
कह लिया कितनी बार तुझे
ओ३म् नाम का

जिस नगरी में वास तेरा,
यह ठग चोरों की बस्ती है
जिस नगरी में वास तेरा,
यह ठग चोरों की बस्ती है
लुट जाते हैं बड़े-बड़े
फिर यहाँ तेरी क्या हस्ती है
क्या हस्ती है
जिनको अपना समझ रहा ये,
धोखा दे संसार तुझे
कह लिया कितनी बार तुझे
ओ३म् नाम का सुमिरन कर ले,
कर दे भव से पार तुझे
कह लिया कितनी बार तुझे

हाथ पकड़कर गली-गली जो,
मित्र तुम्हारे डोल रहे
हाथ पकड़कर गली-गली जो,
मित्र तुम्हारे डोल रहे
कोयल जैसी मीठी वाणी,
कदम-कदम पर बोल रहे
जो बोल रहे
बनी के साथी बिगड़ी में ना,
गले लगाये यार तुझे
कह लिया कितनी बार तुझे
ओ३म् नाम का सुमिरन कर ले,
कर दे भव से पार तुझे
कह लिया कितनी बार तुझे
ओ३म् नाम का सुमिरन कर ले,
कर दे भव से पार तुझे
कह लिया कितनी बार तुझे

दौलत का दीवाना बनकर,
धर्म कर्म सब भूल रहा
दौलत का दीवाना बनकर,
धर्म कर्म सब भूल रहा
यज्ञ हवन तप दान न करता
नींद नशे की टूल रहा
जो टूल रहा
ईश्वर को भी नहीं मानता
ऐसा चढ़ा खुमार तुझे
कह लिया कितनी बार तुझे
ओ३म् नाम का सुमिरन कर ले,
कर दे भव से पार तुझे
कह लिया कितनी बार तुझे
ओ३म् नाम का सुमिरन कर ले,
कर दे भव से पार तुझे
कह लिया कितनी बार तुझे

तुझसे पहले गये बहुत से,
कितना धन ले साथ गये
तुझसे पहले गये बहुत से,
कितना धन ले साथ गये
‘लक्ष्मणसिंह बेमोल’कहे वो
सारे खाली हाथ गये
अरे हाथ गए
तू भी खाली हाथ चलेगा,
देखेंगे नर नार तुझे
कह लिया कितनी बार तुझे
ओ३म् नाम का सुमिरन कर ले,
कर दे भव से पार तुझे
कह लिया कितनी बार तुझे
कह लिया कितनी बार तुझे
कह लिया कितनी बार तुझे

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