सर्दी का मौसम था। तेनालीराम शाम के समय राजमहल से वापस लौट रहा था। तभी उसे सामने एक भिखारी नजर आया। तेनालीराम ने जेब से एक चाँदी का सिक्का निकाल कर भिखारी के हाथ पर रखा। परन्तु भिखारी उसे लेने से इनकार करते हुए बोला, ‘श्रीमान्! मुझे भीख नहीं चाहिए। मैं जानता हूँ, आप राजदरबार के अष्टदिग्गजों में से एक हैं। मेरी एक समस्या हैं। मैं आपसे सिर्फ उसका समाधान चाहता हूँ।’

“ओह! बताओ भाई तुम्हारी क्या समस्या है?” तेनालीराम ने भिखारी से पूछा।

कुछ हिचकते हुए भिखारी बोला, “मैं जानता हूँ कि मैं एक गरीब भिखारी हूँ, पर मेरी दिली इच्छा है कि लोग मुझे ‘सेठजी’ कह कर पुकारें। दुर्भाग्यवश, मुझे कोई तरीका नहीं सूझ रहा कि लोग मुझे ‘सेठजी’ कहकर बुलाएँ।”

तेनालीराम कुछ देर सोचता रहा, फिर बोला, “मेरे पास तुम्हारी समस्या का समाधान है। देखना जल्द ही लोग तुम्हें ‘सेठजी’ कहकर बुलायेंगे। बस मैं जैसा कहूँ, वैसा ही करते जाना। तुम इस जगह से कुछ दूर खड़े हो जाओ और जब भी तुम्हें कोई ‘सेठजी’ कह कर पुकारे, उसके पीछे ऐसे दौड़ना जैसे उसे मारने आ रहे हो।” तेनालीराम ने उस भिखारी को समझाया और वहाँ से चला गया।

भिखारी उस जगह से कुछ दूर जाकर खड़ा हो गया। इस बीच तेनालीराम ने कुछ शैतान बच्चों को पास बुलाया और भिखारी की ओर इशारा करते हुए बोला, बच्चों, वो आदमी देख रहे हो, जो वहाँ खड़ा है। उसे सेठजी कहकर पुकारने से वह बहुत चिढ़ता है।

बच्चों को ऐसी बात पता चलते ही शैतानी सूझी। जल्द ही सभी बच्चे उस भिखारी के आस-पास खड़े होकर जोर-जोर से सेठजी…. सेठजी चिल्लाने लगे। तेनालीराम के बताये अनुसार वह भिखारी उन बच्चों के पीछे यूँ भागा मानों उन्हें मारने आ रहा हो। बच्चों की देखादेखी अन्य लोग भी भिखारी को ‘सेठजी’ कहकर बुलाने लगे। जितना ही भिखारी सबके पीछे भागता, उतना ही वे लोग उसे चिढ़ाने के लिए सेठजी कहते हुए उसके पीछे भागते। कई दिनों तक ऐसे ही चलता रहा। इन सबका नतीजा यह हुआ कि वह भिखारी पूरे हम्पी में सेठजी के नाम से मशहूर हो गया।

शिक्षा (Moral of Story): थोड़ा दिमाग लड़ाने से बड़ी से बड़ी और छोटी से छोटी समस्या का समाधान निकल आता है।

अगर आप तेनालीराम की संपूर्ण कहानियाँ पीडीएफ में डाउनलोड करना चाहते है तो आप इसे नीचे डाउनलोड भी कर सकते हैं। तेनालीराम की इन कहानियों को ‘गंगा प्रसाद शर्मा’ द्वारा लिखा गया हैं। इस पुस्तक में कुल 60 कहानियाँ हैं। हर कहानी हास्य के साथ-साथ शिक्षा भी समेटे हुए हैं। ये कहानियां विशेषकर बड़ों के लिए हैं।

Free Tenalirama (तेनालीराम) ebooks Download by Ganga Prasad Sharma PDF

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *