Nirmal Pawan Bhawana || निर्मल पावन भावना
निर्मल पावन भावना, सभी के सुख की कामना गौरवमय समरस जनजीवन, यही राष्ट्र आराधना चले निरंतर साधना ... {२}जहाँ अशिक्षा...
निर्मल पावन भावना, सभी के सुख की कामना गौरवमय समरस जनजीवन, यही राष्ट्र आराधना चले निरंतर साधना ... {२}जहाँ अशिक्षा...
निर्भयतेने चालत राहू मार्ग भला आपुला अनुकुल प्रतिकुल काळाचा हा खेळ असे चालला ॥ध्रु॥ वादळ उठता लोट धुळीचे आकाशी उडती...
निज हृदय का स्नेह कण-कण देव प्रतिमा पर चढ़ाकर। राष्ट्र-मन्दिर का पुनर्निर्माण करना है हमें तो॥ काट कण-कण देह जिसकी...
नील गगन पर भगवा ध्वज यह लहर लहर लेहराता है आओ करो अब पूजन इसका यही गुरु और त्राता है...
Navonmesha ki shubha bela me lekar dridha vishwas chale samay a a gaya likhe vishwa ka phir swanim itihas chale...
नवीन पर्व के लिए नवीन प्राण चाहीए। स्वतन्त्र देश हो गया प्रभुत्वमय दिशा मही निशा कराल टल चली स्वतन्त्र माँ...
नवयुवकांनो संघटनेचे शस्त्र करी घ्या रे॥ धृ ॥ शिवरायांची स्मरुनी मूर्ती जगांत पसरा भारतकीर्ती कराच परमेच्छेची पूर्ती गतकालातुन घेउन स्फूर्ती...
నవ భారత ఆకాశంలో పెను చీకటి క్రమ్మిన వేళ వెలిగిందొక నూతన జ్యోతి పులకించగ భారత జాతి ఒక ఉగదినాడుదయించి తరతరాల అలసట ద్రుంచి నవయుగమును ప్రారంభించే...
నవ భగీరథ కేశవునకు శతజయంతి నీరాజనం శతజయంతి నీరాజనం చిన్ననాటనె మాతృ సేవలో స్వీకరించెను ప్రతిన యొక్కటి తెల్లవారల తరిమివేయగ కృషినొనర్చెను పలు తెరంగుల ఆత్మ విస్తృతి...
नवचैतन्य हिलोरे लेता जाग उठी है तरुणाई हिंदुराष्ट्र निज दिव्य रूप मे उठा पुनः ले अंगडाई जाग उठी है तरुणाई...
नसे कशाची तमा अम्हाला तीच गुरुपौर्णिमा मातृभूमिच्या मंगलभाली कुंकुमयुत पौर्णिमा ॥धृ॥ मुठीमठिनी धान्य धना वितरु प्रेमाच्या सदना सोडुनि भय संभ्रमा॥१॥...
nanhaa munnaa raahii huu.N, desh kaa sipaahii huu.N bolo mere sa.ng, jay hi.nd, jay hi.nd, jay hi.nd ... raste pe...