तियर्क ताड़ासन के लाभ विधि और सावधानी Tiyark Tadasan’s Benefit, Procedure And Precautions

0

तियर्क ताड़ासन करने के कौन-कौन से लाभ हैं, और इस आसन को करने की विधि क्या है। और उस आसन को करते समय कौन -कौन सी सावधानियां को ध्यान में रखना चाहिए ।यह सब विस्तार पूर्वक इस लेख में बताया गया है ।अब आइए जानते हैं।

 तियर्क ताड़ासन का अर्थ – Meaning of Tiyark Tadasan

तियर्क ताड़ासन  ताड़ासन के समान ही एक प्रकार का आसन है। ताड़ासन की मुद्रा में ताड़ के पेड़ के समान सीधा खड़ा रहना होता है। दोनों हाथों को ऊपर रखना होता है। जबकि तियर्क ताड़ासन में दोनों हाथों को ऊपर की ओर खींच कर दाएं और बाएं झुकना होता है। इस आसन को करते समय शारीरिक मुद्रा एक ताड़ के पेड़ के मुड़े हुए ताड़ के पेड़ के समान रहती है। इसीलिए इसको तियर्क ताड़ासन कहा गया है।

तियर्क ताड़ासन करने की विधि– Steps of Tiyark Tadasan

1-तियर्क ताड़ासन को करने के लिए योगा मैट को बिछाकर उसके ऊपर सावधान की मुद्रा में खड़े होना होता है।

2-दोनों हाथों को सामने से उठाते हुए कंधे तक ले आए और हाथों की उंगलियों को एक दूसरे से जोड़ लें ।

3-ध्यान रहे जब आप हाथों को ऊपर की तरफ ले जाएं ,तो हथेलियों को उल्टा करते हुए ले जाएं।

4-अपने दोनों पैरों को दो से तीन इंच की दूरी पर रखें और हाथों को ऊपर की तरफ खींचे।

5- अब सास को भरते हुए दाहिनी तरफ झुके। कोहनिया सीधी रखें और पैर भी सीधे रखें।

6- कुछ देर तक उपरोक्त स्थिति में रहने के बाद बाई तरफ झुके इस मुद्रा में कुछ समय तक अपने शरीर को स्थिर रखें और सांस को सामान्य रूप से निकालने और लेने की प्रक्रिया करते रहें।

7- फिर दोनों हाथों को शरीर को सीधा करते हुए सावधान की मुद्रा में आ जाए।

8- प्रारंभिक स्थिति में इस आसन को 2 से 4 बार और 10 से 20 सेकंड तक करें। धीरे-धीरे अभ्यास करते करते समय सीमा भी बढ़ाते जाएं। अभ्यास का क्रम बढ़ाते हुए 10 से 12 बार तक इस आसन को करने का प्रयास करें।

तियर्क ताड़ासन  के लाभ– Benefits of Tiyark Tadasan

1- इस आसन को लगातार करने से और अभ्यास हो जाने पर बच्चों की शारीरिक वृद्धि होती है और उनका कद बढ़ता है।

2- तियर्क  ताड़ासन करने से शरीर लचीला बनता है शरीर को लचीला बनाने के लिए या आसन लाभकारी है।

3- इस आसन को करने से मन की एकाग्रता बढ़ती है।मन का इधर-उधर भागना बंद हो जाता है और एकाग्रता में वृद्धि होती है।

4- इस आसन को करने से पाचन क्रिया मजबूत होती है पाचन शक्ति प्रबल हो जाती है।

5- इस आसन को करने से पेट की चर्बी कम हो जाती है और कमर में भी अतिरिक्त जमा हुआ फैट कम हो जाता है।

6- तियर्क ताड़ासन शरीर को मजबूती प्रदान करता है और लचीला बनाता है।

7- यह आसन हृदय के स्वास्थ्य के लिए व फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है।

8-इस आसन को यदि नियमित रूप से अभ्यास किया जाए तो बढ़ता हुआ पेट और बढ़ी हुई चर्बी को रोका जा सकता है।

9- तियर्क ताड़आसन के नियमित अभ्यास से शरीर संतुलित बनता है।

तियर्क ताड़ासन  की सावधानियां– Precautions of Tiyark Tadasan

1-लो बीपी और हृदय के रोगियों के लिए यह आसन नहीं है, उनको यह आसन नहीं करना चाहिए।

2- गर्दन, कंधे, कमर यदि इसमें किसी प्रकार की समस्या है तो यह आसन कदापि न करें।

3- तियर्क ताड़ासन  करते समय यदि किसी भी प्रकार की कठिनाई आपको महसूस होती है तो यह आसन किसी योग करने वाले योग गुरु से ही परामर्श लेकर करें।

4-यदि ऑपरेशन और सर्जरी हुई है तब भी यह आसन नहीं करना चाहिए।

5-गर्भवती महिलाओं को यह आसन नहीं करना चाहिए।

तियर्क ताड़ासन करने के बाद

 त्रिकोणासन और वृक्षासन करनी चाहिए।

खड़े होकर करने वाले आसनों में तियर्क ताड़ासन एक सरल आसन माना गया है। इसको करने से शरीर लचीला ,मजबूत व मन की एकाग्रता शक्ति में वृद्धि होती है ,और शरीर का कद लंबा होता है।इस आसन को करने में यदि किसी प्रकार की समस्या होती है तो योग गुरु के निर्देशानुसार ही इस आसन को करना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *