अक्ष्युपनिषत् || Akshyupanishad
अक्ष्युपनिषद् अथवा अक्ष्युपनिषत् अथवा अक्षि उपनिषद् यह उपनिषद् कृष्ण यजुर्वेद से सम्बद्ध है। इसमें महर्षि सांकृति एवं आदित्य के बीच...
अक्ष्युपनिषद् अथवा अक्ष्युपनिषत् अथवा अक्षि उपनिषद् यह उपनिषद् कृष्ण यजुर्वेद से सम्बद्ध है। इसमें महर्षि सांकृति एवं आदित्य के बीच...
विनायक स्तुति - घर में आने वाली बाधाओ, बच्चों के रोग के निवारण, सुख शांति, उन्नति, प्रगति तथा प्रत्येक क्षेत्र...
माँ दुर्गा का श्री रुद्रयामलतन्त्र में श्रीभैरव और देवि संवाद अंतर्गत दिया गया श्रीदीपदुर्गा मन्त्रगर्भ कवच स्तोत्रम् अति ही गोपनीय...
जो व्यक्ति गणपति के गणेश लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ श्रद्धा-भक्ति के साथ करता है, उसके घर से लक्ष्मी कभी नहीं...
संकटनाशन गणेश स्तोत्र- श्री नारद पुराण में नारद जी, श्री गणेश जी के अर्थ स्वरुप का प्रतिपादन करते हैं। नारद...
षटपदी अर्थात् छः चरण वाला एक मात्रिक छंद जिसके प्रथम चार चरण रोला तथा अंतिम दो चरण उल्लाला के होते...
परशुरामजी ने पृथ्वी को क्षत्रियों से रहित कर अपने गुरुदेव भगवान शिव और माता पार्वती से मिलाने की ईच्छा से...
श्रीरुद्रयामल में वर्णित भगवान गणेश को समर्पित यह एकाक्षरगणपतिकवच अथवा त्रैलोक्यमोहनकवच अत्यंत ही दुर्लभ व गोपनीय है। इसके पाठ करने...
भगवान एकदंत गणेश के स्तोत्र अत्यंत ही दुर्लभ है। इसके नित्य पाठ करने से असाध्य रोगों से मुक्ति मिलाता है...
मदालसा विश्वावसु गन्धर्वराज की पुत्री तथा ऋतुध्वज की पटरानी थी। इनका ब्रह्मज्ञान जगद्विख्यात है। पुत्रों को पालने में झुलाते-झुलाते इन्होंने...
यह संसारमोहनं गणेशकवचम् अपने नाम के ही अनुरूप पुरे संसार को आकर्षित करने की शक्ति रखता है। यदि पूरी श्रद्धा...
भगवान विनायक गणपति की कृपा प्राप्ति और सभी अभीष्ट सिद्धि के लिए विनायकाष्टकम् का नित्य पाठ या श्रवण करें ।...