पञ्चमुखि वीरहनूमत्कवचम् || Panch Mukhi Veer Hanumat Kavacham
इससे पूर्व आपने श्रीसुदर्शनसंहिता, श्रीमद आनन्दरामायणान्तर्गत, नारद पुराण तथा श्रीएकमुखीहनुमत्कवचम् पढ़ा । अब इसी क्रम में पञ्चमुखि वीरहनूमत्कवचम् दिया जा...
इससे पूर्व आपने श्रीसुदर्शनसंहिता, श्रीमद आनन्दरामायणान्तर्गत, नारद पुराण तथा श्रीएकमुखीहनुमत्कवचम् पढ़ा । अब इसी क्रम में पञ्चमुखि वीरहनूमत्कवचम् दिया जा...
हनुमान जी की कवच श्रृंखला में इससे पूर्व आपने पञ्चमुखि वीरहनूमत्कवचम् पढ़ा । अब इसी पञ्चमुखि क्रम में पंचमुखहनुमत्कवचम् दिया...
श्री राम प्रभु के सबसे बड़े सेवक हनुमान जी आज भी किसी स्थान पर जीवित अवस्था में विराजमान हैं। हनुमान...
इस लान्गूलोपनिषत् को श्रीरामचन्द्र ने, श्रीमहादेव ने तथा श्रीवीरभद्र ने कहा व त्रिसन्ध्य पाठ करने का उपदेश किया है ।...
इन बारह नामों का निरंतर जाप करने वाले व्यक्ति की श्री हनुमानजी दसों दिशाओं एवं आकाश-पाताल में हर प्रकार के...
इस भगवान विष्णुप्रोक्त शिव सहस्रनाम स्तोत्रम को लिङ्गपुराण के पूर्व भाग में अध्याय-९८ में लिखा गया है कि- ऋषियों ने...
श्री शिव रुद्राष्टक स्तोत्र || Shri Shiva Rudrashtakam Stotram || Shri Rudrashtakam Stotram नमामीशमीशान निर्वाणरूपं। विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपं। निजं निर्गुणं...
होली पर कृष्णा गोविंद हरे मुरारी का भजन सच्चिदानंद रूपाय विश्वोत्पत्यादिहेतवे, तापत्रय विनाशाय श्री कृष्णाय वयं नम:॥ श्री कृष्ण गोविन्द...
ज्ञानानन्दमयं देवं निर्मलस्फटिकाकृतिं आधारं सर्वविद्यानां हयग्रीवमुपास्महे ॥ १ ॥ स्वतस्सिद्धं शुद्धस्फटिकमणिभू भृत्प्रतिभटं सुधासध्रीचीभिर्द्युतिभिरवदातत्रिभुवनं अनन्तैस्त्रय्यन्तैरनुविहित हेषाहलहलं हताशेषावद्यं हयवदनमीडेमहिमहः ॥ २ ॥...
भजे व्रजैकनन्दनं समस्तपापखण्डनं स्वभक्तचित्तरञ्जनं सदैव नन्दनन्दनम् । सुपिच्छगुच्छमस्तकं सुनादवेणुहस्तकं अनङ्गरङ्गसारगं नमामि सागरं भजे ॥ १ ॥ मनोजगर्वमोचनं विशालफाललोचनं विघातगोपशोभनं नमामि...
'चित्रकूट के घाट पै भई संतनि भीर। तुलसीदास चंदन घिसे, तिलक देत रघुवीर।' आज भी हनुमानजी हमारे बीच इस धरती...
जब किसी जातक का जन्म होता है तो आकाश मण्डल पर जो ग्रह नक्षत्र उदित या अस्त होता है सभी...