अनिद्रा रोग में कौन सा आसन करना उपयुक्त है Anidra Rog Me Kaun Sa Aasan Karna Upyukt Hai?

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आजकल के समय का माहौल अत्यंत तनाव भरा हुआ है ।इसमें एक गंभीर समस्या होती । रात में नींद नहीं आती है और बिस्तर पर पूरी रात करवटें बदलते हुए रात्रि गुजर जाती है। रात में अच्छी नींद न आना एक गंभीर समस्या है।रात्रि में जब अच्छी नींद नहीं आती है तो दिन भर का मानसिक तनाव जो होता है वह हमारे दिमाग पर हावी हो जाता है।

 जिससे व्यक्ति चिड़चिड़ा और अपने आपको थका हुआ महसूस करता है और उसकी दिनचर्या बुरी तरह से प्रभावित हो जाती है।कभी-कभी तो ऐसा भी होता है कि नींद की गोलियां लेने के बावजूद भी अच्छी नींद नहीं आती है।

 नींद की गोली लेना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक भी होती है। क्योंकि इन दवाओं का कोई न कोई साइड इफेक्ट होता है।जिससे बाद में व्यक्ति के सामने और भी मुश्किल समस्याएं खड़ी हो जाती है।

 अनिद्रा रोग में कौन सा आसन करना उपयुक्त है? Anidra(Insomaniya) Rog Me Kaun Sa Aasan Karna Upyukt Hai?

अनिद्रा से बचने के उपाय जानने से पहले आइए जान लेते हैं कि

अनिद्रा होती क्या है

अनिद्रा की समस्या में पर्याप्त रूप से नींद नहीं आती है और नींद ना आने के कारण शारीरिक और मानसिक दोनों तरह का विश्राम नहीं मिल पाता है।

  अंग्रेजी में इस बीमारी को insomnia कहते है। नींद न आने की स्थिति में स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है और नींद न आने से एक प्रकार का भय और चिंता बनी रहती है। क्योंकि स्वस्थ रहने के लिए नींद आना बहुत ही जरूरी होता है।

अनिद्रा के प्रकार

दो प्रकार की अनिद्रा होती है

Acute Insomnia

यह समस्याएं आम प्रकार की होती है यह कुछ दिनों के लिए या कुछ हफ्तों के लिए हो सकती है। कभी-कभी किसी काम का अधिक दबाव होना या चिंता, तनाव या कोई इस प्रकार की घटना घटित हो जाती है जिससे बेचैनी रहने लगती है और नींद नहीं आती है।

क्रॉनिक इनसोम्निया

यह  एक गंभीर समस्या होती है इसमें अधिक दिनों तक नींद नहीं आती है अधिकतर मामलों में क्रॉनिक्स इनसोमनिया आने के मुख्यतः तंबाकू शराब और ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करने के कारण होती है और लंबे तनाव के कारण भी क्रॉनिक इनसोम्निया होती है।

अनिद्रा के कारण

अनियमित दिनचर्या ,सोने का कोई निश्चित समय ना होना।

तंबाकू व कैफीन युक्त पदार्थों का अत्यधिक सेवन करना।

अधिक धूम्रपान करना।

मोटापा ,मधुमेह, हृदय रोग तनाव आदि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का होना।

अधिक देर तक टीवी व मोबाइल पर व्यस्त रहना।

चिंता और तनाव

रात्रि में अधिक देर तक जगना।

अनिद्रा के लक्षण

रात को सोते समय परेशानी होना नींद का ना आना

दिन भर शरीर का थका हुआ महसूस होना।

रात्रि में सोते समय बार-बार नींद का उचट जाना।

अधिक देर में सोना और जल्दी उठना

सुबह उठने पर अपने आप को फिट महसूस ना होना।

 ऐसे मैं अनिद्रा के लिए कोई सुरक्षित उपाय की आवश्यकता होती है जिससे गोलियां भी न खाना पड़े और अच्छी नींद भी आए। यह सभी गुण योगासन और प्राणायाम में है।

आज के समय में कुछ योगासन और प्राणायाम को करके अनिद्रा जैसी समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। तो आइए अब जानते हैं ,की अनिद्रा के लिए कौन से आसन और प्राणायाम करने चाहिए।

पश्चिमोत्तानासन

मन को शांत करने के लिए पश्चिमोत्तानासन किया जाता है। इस आसन को करने से मन एकाग्र होता है और जब मन शांत होता है तो रात्रि में अच्छी नींद आती है दिन भर का तनाव दूर हो जाता है।

इस आसन को करने के लिए अपने पैरों को सीधा जमीन पर फैला कर बैठना होता है।अब अपने हाथों को सिर के ऊपर की तरफ ले जाकर धीरे-धीरे आगे की तरफ झुकना होता है।

अब अपने पैरों की उंगलियों को अपने हाथ की उंगलियों से छूने का प्रयास करें तथा सिर को घुटनों से लगाने का प्रयास करें। पहली बार इस आसन को करने पर ऐसा हो सकता है कि आप अपने हाथों से अपनी पैरों की अंगुलियों को न छु पाए लेकिन निरंतर अभ्यास से इसमें सुधार होता चला जाता है।

शवासन(योगनिद्रा )

अनिद्रा की समस्या से मुक्त होने के लिए सबसे असरदार आसान है शवासन। इस आसन को करने के लिए सीधे पीठ के बल लेट जाएं अपने दोनों हाथों को अपने शरीर के समानांतर खुली अवस्था में रखें।

 शांति से पड़े रहे और लंबी लंबी गहरी सांस लें। अपने प्रत्येक शरीर के अंगों को आंतरिक मन से देखने का प्रयास करें।इस आसन को करने से मानसिक शांति मिलती है और तनाव पूरी तरह से दूर हो जाता है। क्योंकि इस आसन को करते समय शरीर के प्रत्येक अंग को साक्षी भाव से देखना होता है।

प्राणायाम

तनाव की समस्या को पूरी तरह से खत्म करने के लिए वह मन की शांति के लिए प्राणायाम करना बहुत आवश्यक है। प्राणायाम जैसे नाम से ही स्पष्ट है कि प्राणों का आयाम यानी श्वास की अदला बदली। प्राणायाम करने से मानसिक शांति मिलती है तनाव पूरी तरह से समाप्त हो जाता है। अनुलोम विलोम प्राणायाम

इसमें एक नाक को बंद करके श्वास को दूसरी नाक से खींचना होता है।फिर जिस नासिका से श्वास को खींचते हैं उस नासिका को बंद करके पहले बंद की हुई नासिका को खोल करके श्वास को बाहर निकालते हैं। अर्थात एक नासिका को बंद करके दूसरी नासिका से श्वास लेना और दूसरी को बंद करके 1 से स्वास छोड़ना प्राणायाम कहलाता है।

अनुलोम विलोम प्राणायाम

इस प्राणायाम में एक नाक से स्वास को खींचना होता है और दूसरी नाक से सांस को बाहर निकालना होता है। पुना दूसरी से स्वास को खींचना होता है और 1 से श्वास को बाहर निकालना होता है।

भ्रामरी प्राणायाम

इस प्राणायाम को करते समय भंवरे जैसी आवाज निकलती है जिससे मानसिक शांति मिलती है और अनिद्रा जैसी समस्या से छुटकारा मिलता है।

उद्गीत प्राणायाम

इस प्राणायाम को करने से अनिद्रा की समस्या दूर होती है वह मन को शांति मिलती है।

उपरोक्त लिखे हुए आसन और प्राणायाम को हम अपने दैनिक जीवन में अपनाकर अनिद्रा की समस्या से मुक्ति पा सकते हैं वह तनाव मानसिक चिड़चिड़ापन आदि से भी मुक्ति प्राप्त होती है।

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