जठर परिवर्तन आसन करने की विधि फायदे और सावधानी Jathar Parivartnasana Steps Benefits and Precautions in Hindi

0

जठर परिवर्तन आसन 3 शब्दों के मेल से बना है। जठर अर्थात पेट या उदर

परिवर्तन अर्थात बदलना, आसन अर्थात मुद्रा।या हम इस तरीके से कह सकते हैं कि जठर परिवर्तन आसन एक ऐसा आसन है। जिसको करने से पेट में मरोड़ होती है। बदलाव होता है।

 पेट के आंतरिक अंगों की स्थितियों में परिवर्तन होता है।बदलाव होता है। जठर परिवर्तन आसन को जत्रा परिवर्तन आसन भी कहते हैं। इस आसन को करने से दिन भर की सारी थकान दूर हो जाती है। मन और मस्तिष्क को शांत करने के लिए जठर परिवर्तन आसन उपयोगी आसन है।

  जठर परिवर्तन आसन करने की विधि फायदे और सावधानी-jathar parivartnasana steps benefits and precautions in hindi

शरीर को स्वस्थ रखना है ।अपने आप को चुस्त-दुरुस्त फिट रखना है, तो निश्चित रूप से हमें प्रतिदिन योगाभ्यास करना होगा। तो अब जठरपरिवर्तन आसन करने की विधि क्या है ?और इस आसन को करने से कौन से फायदे मिलते हैं ?और इस आसन को करते समय किन-किन सावधानियों का ध्यान रखना होता है ?यह जान लेते हैं।

तो सबसे पहले जठर परिवर्तन आसन करने की विधि जानते हैं।

जठर परिवर्तनासन करने की विधि-Steps of Jathar Parivatnasana

1- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले आप जमीन पर लेट जाएं और अपने दोनों हाथों को आपस में फंसाते हुए सर के नीचे तकिए की तरह रखें ले या दोनों हाथो को फैलाकर भी रख सकते है ।

2- दोनों पैरों को मोड़े फिर श्वास भरते हुए दोनों पैरों को ऊपर की तरफ उठाएं।

3-अव श्वास को छोड़ते हुए एक साइड की तरफ पैरों को दोनों पैरों को साथ में मोड़ना है।

4- इस स्थिति में कमर के नीचे के हिस्से को ही दोनों पैरों को एक तरफ मोड़ते  हुए जमीन पर लगाना है।

5-इस आसन को करते समय पेट पर असर महसूस होता है।

6-सांस अंदर की ओर भरते हुए बीच में आ जाएं और फिर दूसरी तरफ दोनों पैरों को मोड़ना है जमीन पर स्पर्श करना है।

7-इस स्थिति में अपनी सुविधानुसार जितनी देर तक हो सके रुके।

8-स्वास को छोड़ते हुए प्रारंभिक स्थिति में पुनः वापस आ जाए।

 जठर  परिवर्तन आसन के फायदे– Benefits of Jathar Parivartnasana

1- इस आसन को करने से पेट के अंगों की अच्छी तरह से मालिश होती है जिससे पेट की मांसपेशियां मजबूत बनती है ,और पाचन से संबंधित लगभग सभी प्रकार के विकार दूर होते हैं। जैसे अपच, पेट फूलना, गैस, एसिडिटी ,खट्टी डकार आना आदि।

2- जो लोग अधिक देर तक बैठकर कार्य करते हैं। उन लोगों के लिए यह आसन काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। एक ही स्थान पर लगातार बैठे रहने से काफी थकान का अनुभव होता है। अब ऐसे में आवश्यकता होती है कि उस थकान को कैसे दूर करें। तो इसके लिए जठर परिवर्तन आसन बेहद फायदेमंद आसन है।

3- दिन भर की थकान को दूर करने की अद्भुत क्षमता जठर परिवर्तन आसन में है। इस आसन को करने से स्पाइनल पर प्रभाव पड़ता है। जिसके कारण नर्वस सिस्टम सक्रिय होता है।

4- पेट की चर्बी को दूर करता है ये आसन। इस आसन को करते समय पेट मे खीचाव होता है कमर में भी खिंचाव उत्पन्न होता है। इस खिंचाव के कारण कमर व पेट में जमी हुई अतिरिक्त फैट घटने लगती है जिससे मोटापा दूर होता है।

 5-मोटापा के कारण  जिन लोगों का  वजन अधिक बढ़ जाता है। उनका वजन भी नियंत्रण होने लगता है।

6-रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है जिसके कारण रीढ़ की हड्डियां मजबूत होती हैं।

7- किडनी के लिए यह आसन रामबाण है। किडनी से जुड़े हुए लोग इस आसन को करने से दूर होते है।

8- मधुमेह है या शुगर में यह आसन काफी फायदेमंद होता है। नियमित दिनचर्या में इस आसन को करने से शुगर की भी बीमारी दूर की जा सकती है।

9- गर्दन के दर्द, कमर दर्द को दूर करने की अद्भुत क्षमता यह आसन रखता है।

 जठर परिवर्तन आसन करते समय सावधानिया– Precautions of Jathar Parivartnasana

1- गर्भवती स्त्रियों को यह आसन नहीं करना चाहिए।

2- जिनके कमर में दर्द हो वह अपने पैर को आसानी से जहां तक हो सके उतना मोरे और अपनी सुविधानुसार इस आसन को कर सकते हैं लेकिन अधिक 90 डिग्री तक ले जाने का प्रयास न करें।

3- कमर में किसी प्रकार की सर्जरी या कमर में अधिक दर्द होने पर इस आसन का अभ्यास कदापि न करें।

4- रीढ़ की हड्डी में यदि किसी प्रकार की समस्या है तो इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *