जानें, ब्रह्मा की इस सृष्टि में दिन-रात का क्या है असल अर्थ
अव्यक्ताद्व्यक्तय: सर्वा: प्रभवन्त्यहरागमे | रात्र्यागमे प्रलीयन्ते तत्रैवाव्यक्तसञ्ज्ञके || गीता 8/18|| अर्थ: ब्रह्मा का दिन होने पर अव्यक्त से व्यक्त सृष्टि...
अव्यक्ताद्व्यक्तय: सर्वा: प्रभवन्त्यहरागमे | रात्र्यागमे प्रलीयन्ते तत्रैवाव्यक्तसञ्ज्ञके || गीता 8/18|| अर्थ: ब्रह्मा का दिन होने पर अव्यक्त से व्यक्त सृष्टि...
भूतग्राम: स एवायं भूत्वा भूत्वा प्रलीयते। रात्र्यागमेऽवश: पार्थ प्रभवत्यहरागमे।। गीता 8/19|| अर्थ : हे अर्जुन! वही यह भूतसमुदाय परवश हुआ...
परस्तस्मात्तु भावोऽन्योऽव्यक्तोऽव्यक्तात्सनातन: | य: स सर्वेषु भूतेषु नश्यत्सु न विनश्यति || गीता 8/20|| अर्थ: निश्चित रूप से इस अव्यक्त से...
आब्रह्मभुवनाल्लोका: पुनरावर्तिनोऽर्जुन। मामुपेत्य तु कौन्तेय पुनर्जन्म न विद्यते।। गीता 8/16।। अर्थ : हे अर्जुन! ब्रह्म लोक सहित सभी लोक पुनरावृति...